• पद्मश्री बसंती बिष्ट, उत्तराखंड में जागर का जाग्रत स्वर

    पद्मश्री बसंती बिष्ट, उत्तराखंड में जागर का जाग्रत स्वर0

    गांव और पहाड़ में महिलाओं के मंच पर जागर गाने की परंपरा नहीं थी। मां ने उन्हें सिखाया था लेकिन बाकी कोई प्रोत्साहन नहीं मिला। वह गीत-संगीत में तो रुचि लेतीं लेकिन मंच पर जाकर गाने की उनकी हसरत सामाजिक वर्जनाओं के चलते पूरी नहीं हो सकी। शादी के बाद जब पति ने उन्हें गुनगुनाते हुए सुना तो विधिवत रूप से सीखने की सलाह दी।

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