मार्च के महिने में शुरू से ही वर्षा का क्रम बन गया था। वहीं मार्च दूसरे सप्ताह भी लगातार दो विक्षोभ पश्चिमी हिमालय में पहुंचने की संभावना बन रही है। इससे होली से पहले कई जगह वर्षा की फुहार भिगो सकती है। खासकर पर्वतीय जिलों
मार्च के महिने में शुरू से ही वर्षा का क्रम बन गया था। वहीं मार्च दूसरे सप्ताह भी लगातार दो विक्षोभ पश्चिमी हिमालय में पहुंचने की संभावना बन रही है।
इससे होली से पहले कई जगह वर्षा की फुहार भिगो सकती है। खासकर पर्वतीय जिलों में बादलों की मौजूदगी के बीच छिटपुट से लेकर मध्यम वर्षा देखी जा सकती है। जबकि उच्च हिमालय में हिमपात का क्रम बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार पहला पश्चिमी विक्षोभ 10 मार्च को प्रभावी होगा। हालांकि यह बहुत मजबूत नहीं है, लेकिन पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली जिलों में आंशिक बादलों के बीच कहीं कहीं बूंदाबांदी दे सकता है।
11 मार्च को भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहेगी। 12 मार्च के आसपास नया विक्षोभ उत्तराखंड को प्रभावित कर सकता है। पहले की अपेक्षा सशक्त समझे जा रहे दूसरे विक्षोभ का प्रभाव 16 मार्च तक बना रह सकता है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 12 मार्च को पिथौरागढ़, बागेश्वर व गढ़वाल मंडल के ऊंचे जिलों में बादलों के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। 13 से 16 मार्च के बीच वर्षा का दायर बढ़ेगा। इस अवधि में पर्वतीय जिलों में एक बार फिर बहुत हल्की से मध्यम वर्षा देखी जा सकती है। मार्च शुरुआत की तरह यह वर्षा भी रबी की फसल व सब्जियों के लिए मददगार रहेगी।
मौसम विज्ञानी सिंह ने बताया कि 10 से 16 मार्च के बीच उच्च हिमालय में हिमपात की गतिविधि बनी रहेगी। 13 से 16 मार्च के बीच 3200 मीटर से ऊंचाई वाली चोटियों पर हल्की से मध्यम हिमपात हो सकता है।
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