आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमले में किए गये हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसको देखते हुए भारत के सभी मंत्रालय भी अब सक्रिय हो गये हैं। जहां रक्षा मंत्रालय देश की सुरक्षा में लगा हुआ है वहीं कृषि मंत्रालय भी अपनी जिम्मेदारी में कमी नहीं छोड़ना चाहता है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर आज कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि भारत माता के चरणों में सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए पूरा देश तत्पर है। एक तरफ सीमा पर हमारे जवान तैनात है, पाकिस्तान के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, दूसरी तरफ खेतों में किसान तैयार है, उनके साथ वैज्ञानिक और कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय भी अपनी ड्यूटी समझते हुए पूरी तरह से तैयार है। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से फसल बुआई, खाद्यान्न, फल-सब्जी उत्पादन तथा उपलब्धता की जानकारी लेने के साथ मौजूदा परिस्थितियों में किसानों को कहीं-कोई दिक्कत नहीं आने देने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करना हमारे देश का संकल्प है। आतंकवादियों को हम नहीं छोड़ेंगे, उनके ठिकाने, उनके अड्डे तबाह करने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है। हमने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन पाकिस्तान जिस तरह से नापाक हरकत कर रहा है, सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हर जगह पाकिस्तान मुंह की खा रहा है। हमें अपनी सेना पर, उनके पराक्रम-शौर्य पर गर्व है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि विभाग के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है। हमारी जवाबदारी है खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करना। गेहूं, चावल व अन्य अनाज हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बंपर उत्पादन हुआ है, किसानों से खरीद भी जारी है। कल ही हमने खरीफ कांफ्रेंस में भी विस्तार से चर्चा करके खेती के संबंध में रूपरेखा निर्धारित की है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था जय जवान-जय किसान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जोड़ा-जय विज्ञान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें जोड़ा-जय अनुसंधान। जवान तैयार है, किसान तैयार है व वैज्ञानिक भी तैयार है, उनका अनुसंधान भी काम आएगा। यह संतोष की बात है कि हमारे पास अन्न के भंडार इस समय भरे हुए हैं। शिवराज चौहान ने बताया कि वर्ष 2023-24 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3322.98 लाख मीट्रिक टन था, जो 2024-25 में बढ़कर 3474.42 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। चावल की भी कोई कमी नहीं है, पिछले साल के 1378.25 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले इस साल 1464.02 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है। गेहूं पिछले साल था 1132.92 लाख मीट्रिक टन, जो इस बार 1154.30 लाख मीट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है, जिसमें और बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को भी बधाई दी, जिनके द्वारा विकसित किस्मों व शोध के कारण बढ़ते हुए तापमान में भी उत्पादन में वृद्धि हो रही है। गेहूं-चावल दोनों का उत्पादन एक साल में चार से पांच प्रतिशत बढ़ा है।
शिवराज सिंह ने बताया कि दालों का उत्पादन भी भरपूर हुआ है, जो 242.46 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 250.97 लाख मीट्रिक टन हो गया, वहीं कुल तिलहन 396.69 लाख मीट्रिक टन से 428.98 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हो गया है। उन्होंने बताया कि फल-सब्जियों की भी चिंता नहीं है, बागवानी फसलों का उत्पादन भी पिछले साल के 3547 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 3621 लाख मीट्रिक टन हो गया है। आलू पिछले वर्ष 570.53 लाख मीट्रिक टन था, जो इस बार 595.70 लाख मीट्रिक टन है। प्याज 242.67 लाख मीट्रिक टन था, जो इस साल 288.77 लाख मीट्रिक टन है। इसी तरह, टमाटर 213. 23 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 215.49 लाख मीट्रिक टन है।
केंद्रीय मंत्री ने किसानों से उपज खरीद की भी जानकारी दी और बताया कि 8 मई तक की स्थिति में, वर्ष 2024-25 में 539.88 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। इसी तरह, 8 मई तक 267.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं किसानों से खरीदा जा चुका है और यह सिलसिला जारी है। चावल-गेहूं के भंडार भरे हैं, दालों का बफर स्टाक हमारे पास है, किसी चीज की कोई कमी नहीं है। अगली फसल के लिए भी किसान तैयार है, कल ही खरीफ कांफ्रेंस हुई और हमने तय किया है कि खरीफ सीजन में उत्पादन कैसे बढ़ें, इसके लिए वैज्ञानिक व कृषि कर्मचारी मैदान में निकलेंगे। कृषि मंत्रालय का यह संकल्प है कि हमारी जनता को इन परिस्थितियों में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं आएं, खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित की है, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, भरपूर भंडार है हमारे पास, जितनी जरूरत होगी, उतना खाद्यान्न उपलब्ध है।
शिवराज सिंह ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में कई बार गांव खाली कराए जाते हैं तो ऐसे में हम यह आंकलन भी कर रहे हैं कि वहां अभी कौन-सी फसल बोई जाती है, जिसके लिए बीज व प्लांटिंग मटेरियल भी हम तैयार रखेंगे। अगर थोड़ी-बहुत लेट भी बोवनी होती है तो उस परिस्थिति में उन्हें क्या आवश्यकता होगी, उसकी चिंता भी हम करेंगे। हम जम्मू-कश्मीर व पंजाब जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा करेंगे व अधिकारियों के स्तर पर भी संवाद होगा कि उन्हें किन चीजों की इन परिस्थितियों में जरूरत है, उसका भी इंतजाम करके रखेंगे। श्री शिवराज सिंह ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी तय किया है कि ऐसी परिस्थितियों में कहीं से यदि हमारे भाई-बहन आते है तो रोजगार की व्यवस्था तत्काल कर दी जाएं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश हर दिशा में आगे बढ़ रहा है और देश पूरी तरह से तैयार है, जिनके साथ कृषि व ग्रामीण विकास विभाग भी तैयार है। हमारे अधिकारी-कर्मचारी रक्तदान भी करना चाहते हैं। 14 मई को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी रक्तदान करेंगे, इस समय हम सभी केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से भी देश सेवा के लिए तत्पर है।
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