उत्तराखंड, यूपी, बिहार, एमपी समेत कई राज्यों के नेताओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दरअसल, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है।
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की कमान संभाल ली है। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पिछले चार महीनों में लिए गए फैसलों ने कई बड़े नेताओं के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए है। जी हां, धामी कैबिनेट के आकार लेने के बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि सांसद तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उनकी क्या भूमिका बढ़ेगी?
4 बड़े नेताओं के नाम चर्चा में
त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले से ही कतार में हैं। हाल में उन्होंने दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात भी की थी। इतना ही नहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के साथ-साथ नैनीताल से सांसद अजय भट्ट की भी चर्चा हो रही है। पार्टी के भीतर किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के लिए भी बीजेपी इन्हें केंद्र में बड़ी भूमिका में लाना चाहेगी।
इसकी एक बड़ी वजह और भी है। प्रदेश में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। यूपी समेत दूसरे राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को जब सीएम पद से हटाया गया था तो खबर आई थी कि उन्हें दिल्ली में बड़ी भूमिका में लाया जाएगा। जैसे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के साथ हुआ था। अब असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनोवाल को भी अहम रोल मिल सकता है।
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पीएम ने रविवार को की अहम बैठक
पिछले दिनों पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंत्रियों के साथ बैठक कर उनके कामकाज की समीक्षा की थी। इसके बाद से ही कुछ नाम फिजा में तैरने लगे जिनमें कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और सुशील मोदी का नाम आगे बताया जा रहा है। रविवार को पीएम ने शाह और भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष के साथ अहम बैठक की थी। इसे मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़े नामों को फाइनल करने से जोड़कर देखा जा रहा है।
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मोदी सरकार-2 में यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। बड़ा राज्य होने के कारण यूपी को खास तवज्जो मिल सकती है। अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है, पर उत्तराखंड को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। खासतौर से ऐसे वक्त में जब दो बड़े नेताओं को अलग-अलग कारणों से सीएम पद से हटाया गया है।
अब सबकी नजरें उत्तराखंड पर हैं। रमेश पोखरियाल निशंक पहले से केंद्रीय मंत्री हैं। ऐसे में चुनावी समीकरण साधने के लिए तीरथ, त्रिवेंद्र, भट्ट और बलूनी की भूमिका क्या होगी, यह अगले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि गुरुवार या शुक्रवार को मंत्रिमंडल विस्तार का औपचारिक ऐलान भी हो सकता है।
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