उत्तराखंड में 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ेगा लॉकडाउन! मंत्री-विधायकों का वेतन 30 फीसदी कटेगा

उत्तराखंड में 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ेगा लॉकडाउन! मंत्री-विधायकों का वेतन 30 फीसदी कटेगा

त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने खाद्यान सुरक्षा योजना के अंतर्गत सभी नागरिकों को पर्याप्त राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत अंत्योदय योजना के अंतर्गत 35 किलो राशन गेहूं और चावल के रूप में 03 माह का राशन उपलब्ध रहेगा।

कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड में लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल के बाद बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ है। साथ ही कोविड-19 फंड के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मुख्यमंत्री, मंत्री और समस्त विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। आगामी दो वर्षो में विधायक निधि के अंतर्गत एक-एक करोड रुपये की कटौती भी होगी।

सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कोरोना वायरस कोविड-19 के संबंध में अन्य कैबिनेट निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में जामातियों की संख्या बढने के कारण कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेजी जाएगा। खाद्यान सुरक्षा योजना के अंतर्गत सभी नागरिकों को पर्याप्त राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत अंत्योदय योजना के अंतर्गत 35 किलो राशन गेहूं और चावल के रूप में 03 माह का राशन उपलब्ध रहेगा।

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खाद्यान सुरक्षा योजना सफेद कार्ड धारक को प्रति यूनिट पांच किलो चावल, दाल फ्री उपलब्ध कराया जाएगा। उन दोनों कार्ड से अलग 40 लाख यूनिट वाले 10 लाख राशन कार्ड धारकों को 7.5 किलो राशन की मात्रा को दोगुना कर 15 किलो अप्रैल, मई, और जून तीन माह के लिए वितरण किया जाएगा। जिसके पास कोई भी राशन कार्ड नहीं होगा उन्हें राशन किट दिया जाएगा।

कोरोना पर लिए गए अन्य फैसले

 

1. कोरोना वायरस कोविड-19 के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग, टैक्निशियन संवर्ग विभिन्न पदों हेतु कुल 347 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।आज 823 आइसोलेशन बैड, पॉजिटिव केस हेतु, 1682 संदेहास्पद बैड, 455 आईसीयू, 251 वेंटिलेटर, 8695 पीपीई किट, 2034 वीटीएमकिट सुविधा मौजूद है। इसके अतिरिक्त गैर-सरकारी अस्पताल में भी सुविधा उपलब्ध है। उपरोक्त इफ्रांस्ट्रक्चर को बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
2. खाद्यान वितरण-कार्य के संबंध में निर्णय लिया गया कि यह काम एनजीओ इत्यादि प्रशासन के माध्यम से कराएं।
3. बैठक में सोशल डिस्टेसिंग पर बल देते हुए कहा गया कि प्रभारी मंत्री अपने जनपदों की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेंसिंग और टेलीफोन के माध्यम से करें तथा सभी विधायक क्षेत्रों में ना जाकर अपने निवास स्थान पर टेलीफोन के माध्यम से समीक्षा करें।
4. रोजाना आवश्यक सामग्री के खरीद हेतु दी गई समयसीमा को कम करने का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंपा गया है।

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