वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने एक और बड़ा झटका देते हुए ऐलान किया कि अब उनके मॉडर्न मदरसों में उत्तराखंड के बाहर के बच्चों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा, “हमारे एडमिशन सिर्फ उत्तराखंड के बच्चों के लिए हैं।
देहरादून। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मदरसों में दोहरी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने के लिए कड़ा और दो-टूक ऐलान कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया कि अब मदरसों में ना तैतानिया चलेगा, ना फोकानिया, ना पंजुम, ना मुन्शी, ना मौल्वी, ना मौल्लिम। अध्यक्ष ने कहा, “हमें ये सब डिग्रियां नहीं चाहिए भाई। हमें हमारे बच्चों को वही पढ़ाना है, जो उत्तराखंड बोर्ड में है। हमें हमारे ज्ञान पर रहने दो। दो सिलेबस एक साथ नहीं चल सकते। अगर मदरसा बोर्ड पढ़ाएंगे तो उत्तराखंड बोर्ड नहीं पढ़ा पाएंगे। इसलिए अब बिल्कुल फाइनल है, सिर्फ उत्तराखंड बोर्ड ही पढ़ाया जाएगा।”
बाहरी बच्चों के लिए फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है। आगे समय के साथ देखा जाएगा “मदरसा बोर्ड की लाइन अलग है, हम कंट्रोवर्सी में नहीं पड़ेंगे” अध्यक्ष शादाब ने मदरसा बोर्ड के पारंपरिक सिस्टम को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “हम मदरसा बोर्ड से भी उनकी लाइन अलग कर चुके हैं। हमें इन सब चीजों में नहीं पड़ना। हम कॉन्ट्रोवर्सी में नहीं हैं और ना ही उसमें पड़ेंगे। हमारा फोकस सिर्फ उत्तराखंड के बच्चों को सही और मजबूत शिक्षा देना है।”
“साफ संदेश है कि मदरसों में अब नया दौर शुरू यह फैसला उत्तराखंड के मदरसों में एक नए दौर की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। अब धार्मिक आड़ में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होगा। वक्फ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि वह मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़कर देश हित में काम करेगा।
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