विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी जो कि शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, वाद-विवाद एवं अन्य सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं आदि में उत्कृष्ट होते है उन्हें वर्ष 1971 से कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित करना प्रारम्भ किया था। अभी तक विभिन्न महाविद्यालयों के 52 विद्यार्थी यह पदक प्राप्त कर चुके हैं।
विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1960 में हुई तथा वर्ष 1963 से विश्वविद्यालय अपना दीक्षांत समारोह आयोजित कर रहा है और अद्यतन 36वां दीक्षांत समारोह आयोजित कर चुका है। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय अपने-अपने श्रेष्ठ / उत्कृष्ट शैक्षणिक विद्यार्थी को कुलपति स्वर्ण पदक से सम्मानित करता रहा है एवं इन विद्यार्थियों के नाम सम्बन्धित महाविद्यालय के मेरिट बोर्ड पर अंकित किया जाता है।
विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी जो कि शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, वाद-विवाद एवं अन्य सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं आदि में उत्कृष्ट होते है उन्हें वर्ष 1971 से कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित करना प्रारम्भ किया। विभिन्न महाविद्यालयों के अब तक 52 विद्यार्थी यह पदक प्राप्त कर चुके हैं।
इन सभी सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों के नाम को सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित करने हेतु विश्वविद्यालय पुस्तकालय में कुलाधिपति स्वर्ण पदक दीर्घा की स्थापना की गयी जिसका अनावरण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.एस. चौहान के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ. चौहान ने पुस्तकालय के प्रभारी अधिकारी डॉ. एस.सी. त्रिपाठी एवं उनकी टीम की सराहना करते हुए पुस्तकालय को एक महत्वपूर्ण इकाई बताया जो कि विश्वविद्यालय के शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय पुस्तकालय को भविष्य में और अधिक सुदृढ़ करते हुए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का आहवन किया एवं इस हेतु पूर्ण सहयोग का अश्वासन दिया।
अनावरण कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. दीपा विनय, निदेशक प्रशासन वी.एस. चलाल समेत समस्त अधिष्ठता, निदेशक आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. के.पी. सक्सेना, हेमा हल्दुआ, डॉ. पंकज सिंह, चन्दा आर्या एवं डॉ. सूपर्णा शर्मा का विशेष योगदान रहा।
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