पिछले दिनों देहरादून का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। लॉकडाउन में आबादी वाले इलाके में खाली सड़क पर एक हाथी मस्ती से घूमता दिखाई दिया। ऐसी अन्य घटनाओं पर हमने उत्तराखंड के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन राजीव भरतरी से समझने की कोशिश की कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और वन विभाग इससे कैसे निपटेगा।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, उत्तराखंड के कई इलाकों में वनों से निकलकर हाथी, गुलदार जैसे जानवर सड़कों पर घूमते देखे गए हैं। उत्तराखंड के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन राजीव भरतरी ने इस संबंध में विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि उन्होंने ‘हिल-मेल’ से विशेष बातचीत में कहा कि जरूरी नहीं है कि वन्यजीवों का व्यवहार निगेटिव ही हो, यह पॉजिटिव भी हो सकता है। जानवर तनाव मुक्त हो सकते हैं। हाथी रिलैक्स महसूस कर सकते हैं। वे ऐसी जगहों पर भी जा सकते हैं जहां पहले भीड़भाड़ होने के कारण नहीं जा पाते थे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राजाजी राष्ट्रीय पार्क के पूर्व से पश्चिमी क्षेत्र में अगर टाइगर आ जाते हैं तो अच्छी बात है वरना हम उन्हें ट्रांसलोकेट करने की सोच रहे हैं।
भरतरी ने बताया कि गाड़ियां चलती हैं इसलिए वे कॉरिडोर में पार नहीं कर पाते हैं। लॉकडाउन के कारण इस समय कॉरिडोर में शांति है इसलिए हम उनके पूर्वी क्षेत्र में आने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने ‘हिल-मेल’ से कहा कि पॉजिटिव और निगेटिव दोनों असर देखने को मिल सकते हैं। जो जानवर बाहर आ रहे हैं, उसके लिए सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं कि जब भी ऐसी बात हो तो दुर्घटना होने से बचाने के लिए फौरन कार्रवाई की जाए।
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एक हफ्ते का विशेष अभियान चला रहा वन विभाग
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में हाथी जरूर बाहर आए थे लेकिन डिविजन के ही स्टाफ ने जल्द ही उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना सुनिश्चित किया। अल्मोड़ा में 6 अप्रैल को तेंदुए ने दो लोगों को घायल कर दिया तो उसे पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर में लाए। भरतरी ने बताया कि 5 अप्रैल से 11 अप्रैल एक हफ्ते तक सुरक्षा के लिहाज से विशेष अभियान शुरू किया गया है। रात में गश्त और ड्रोन की मदद से जानवरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है।
चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने कहा कि जब जानवर आबादी में आ रहे हैं तो दुर्घटना हो सकती है लेकिन उनका शिकार भी हो सकता है। ऐसे में यह एक हफ्ते की ड्राइव शुरू की गई है। लॉकडाउन के कारण वाइल्डलाइफ और फायर सुरक्षा नहीं रुकेगी। इसके लिए लगातार प्रयास जारी रहेंगे। एक नया जोश और फुर्ती लाने के लिए यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि नंदौर में बारूद और गन के साथ शिकारी पकड़ा गया है। गोविंद पशु विहार में लकड़ी के साथ ट्रक पकड़ा गया है।
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जानवरों में कोरोना ट्रांसफर होने पर चल रहा शोध
अमेरिका के एक चिड़ियाघर में बाघ के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट पर चीफ वार्डन ने कहा कि भारत सरकार की ओर से चार लेटर जारी किए गए हैं। कोविड-19 ट्रांसमिशन पर अभी शोध चल रहा है। इस प्रक्रिया में एक बाघ में संक्रमण के प्रमाण मिले। हालांकि यह अकेला केस नहीं है, इंग्लैंड में भी 2-3 पालतू बिल्लियों में बीमार मालिकों से संक्रमण के प्रमाण मिले हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सभी जानवरों में ये होने लगा है। जो टेस्ट किए गए हैं, जिससे बाघ में संक्रमण पता चला है, यह अभी शोध का हिस्सा है। यह वो टेस्ट नहीं है, जो इंसानों पर किए गए। भरतरी ने कहा कि बिल्लियों में कोरोना वायरस होना सामान्य बात मानी जाती है। इसमें कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया। वे बीमार हुईं और बाद में ठीक हो गईं। अमेरिकी चिड़ियाघर के प्रशासन का कहना है कि किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के कारण बाघ को कोरोना हुआ होगा। ये चीजें टाइगर रिजर्व में होना संभव नहीं है।