मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए एक अनूठी पहल शुरू की है, जो ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की नई राह दिखाएगी। इस बार का फोकस सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है, जहां प्रदेश में 10 हजार पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक शानदार कदम है। माना जा रहा है कि योगी सरकार की यह पहल प्रदेश को पर्यावरण के अनुकूल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा ओजस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही है, जो सौर उत्पाद निर्माण, सौर शॉप्स, विकेंद्रीकृत सौर उत्पाद, और क्लीन कुकिंग उत्पादों पर केंद्रित है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लखनऊ में एक सौर उत्पाद निर्माण इकाई शुरू की गई, जबकि 20 जनपदों के 207 विकास खंडों में 414 सौर शॉप्स स्थापित किए गए, जिनसे 414 महिलाओं को लाभ हुआ।
इसके अलावा 80 सौर फूड प्रोसेसिंग मशीन, ड्रायर, और डीफ्रीजर स्थापित किए गए साथ ही 60 महिलाओं को ‘सूर्य सखी’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया। यह पहल महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दे रही है।
सौर उत्पाद निर्माण इकाइयों से महिलाओं के सीधे रोजगार से जोड़ेगी योगी सरकार
मिशन निदेशक दीपा रंजन ने इस महत्वाकांक्षी योजना की बारीकियों को साझा करते हुए बताया कि अगले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा और महिला सशक्तीकरण का केंद्र बनाने का एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है। इस रणनीति के तहत हर मंडल में सौर उत्पाद निर्माण इकाइयों की स्थापना है।
प्रदेश में कुल 18 मंडलों को कवर करते हुए इन इकाइयों के माध्यम से 540 महिलाओं को सीधे रोजगार प्रदान किया जाएगा। ये इकाइयां सौर पैनल, बैटरी, और अन्य अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित होंगी, जो न केवल स्थानीय जरूरतों को पूरा करेंगी, बल्कि बाजार में भी अपनी पहचान बनाएंगी।
इसके अलावा योगी सरकार 826 विकास खंडों में 3,304 सौर शॉप्स की स्थापना करने जा रही है। प्रत्येक विकास खंड में औसतन चार शॉप्स खोले जाएंगे, जो सौर लालटेन, चार्जर और छोटे घरेलू उपकरणों की बिक्री और मरम्मत के लिए हब के रूप में काम करेंगी। इससे 3,304 महिलाएं इन शॉप्स का संचालन कर आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रसार तेज होगा।
प्रदेश में 20,000 विकेंद्रीकृत सौर उत्पादों जैसे सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन, सोलर ड्रायर, और सोलर डीफ्रीजर की स्थापना की जाएगी। इन उत्पादों से 20,000 महिलाओं को उद्यमिता का मौका मिलेगा, जो उन्हें छोटे व्यवसाय शुरू करने और स्थानीय स्तर पर आय सृजन में सक्षम बनाएगा। ये उत्पाद खाद्य संरक्षण और ऊर्जा संचयन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण 57,702 ग्राम पंचायतों में 57,702 ‘सूर्य सखियों’ की तैनाती है। हर ग्राम पंचायत में एक सूर्य सखी होगी, जो सौर ऊर्जा उत्पादों के उपयोग, रखरखाव, और जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी लेगी। यह कदम ग्रामीण स्तर पर ऊर्जा क्रांति को गति देगा और महिलाओं को तकनीकी नेतृत्व की भूमिका में लाएगा।
सौर चूल्हे और बायो-गैस सिस्टम को बढ़ावा देंगी पर्यावरण सखियां
प्रदेश में अगले तीन साल में 10,000 पर्यावरण सखियों का प्रशिक्षण देकर दिया जाएगा। ये सखियां क्लीन कुकिंग समाधानों जैसे, सौर चूल्हे और बायो-गैस सिस्टम को बढ़ावा देंगी, जो धुएं से मुक्त रसोई और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेंगी।
इससे घरेलू प्रदूषण कम होगा, महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, और ग्रामीण जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा। इन सभी योजनाओं के जरिए योगी सरकार प्रदेश की एक लाख महिलाओं को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ेगी, जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि प्रदेश को में हरित ऊर्जा और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देगी, जो प्रदेश के लिए एक मॉडल बनेगी।
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