बद्रीनाथ धाम में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और भारी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां आने से कुछ श्रद्धालु अपने साथ पानी की प्लास्टिक की बोतल भी लेकर आते हैं और वह उनको यहीं पर ही छोड़ देते हैं जिससे यहां पर गंदगी फैलती है और इससे प्रशासन को भी दो चार होना पड़ता है।
बद्रीनाथ धाम में प्लास्टिक वेस्ट को नगर पंचायत प्रशासन ने आय का बेहतर संसाधन बना लिया है। यहां इस वर्ष अब तक नगर पंचायत की ओर से धाम में बिखरे प्लास्टिक कचरे का विपणन कर 2 लाख 61 हजार 500 रुपये की आय अर्जित कर ली है। जिससे जहां एक ओर धाम प्लास्टिक कचरे से मुक्त हो रहा है। वहीं नगर पंचायत को आय प्राप्त हो रही है।
बद्रीनाथ धाम की सफाई का जिम्मा नगर पंचायत बद्रीनाथ का है। जिसके लिए नगर पंचायत की ओर से 45 पर्यावरण मित्रों की तैनाती मुख्य नगर क्षेत्र, 22 की मंदिर परिसर में तैनाती की है। इसके साथ ही नगर से निकलने वाले कचरे के कॉम्पेक्टिंग, कम्पोस्टिंग और सेग्रीगेशन के लिए 15 कर्मचारियों की तैनाती की है। जिनके माध्यम से कचरे को एकत्रित कर ब्लॉक बनाकर विपणन किया जा रहा है।
नगर पंचायत ने किया 31 टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण
अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि बीते 15 दिनों में पंचायत प्रशासन की ओर से करीब 12 टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कर 1 लाख 35 हजार की आय अर्जित की है। जबकि यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक बद्रीनाथ धाम से 31 टन कचरे का निस्तारण कर 2 लाख 61 हजार 500 रुपए की आय प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर उन्हें कॉम्पेक्टर मशीन से ब्लॉक बनाकर अनुबंध मूल्य पर विपणन किया जा रहा है।
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। इस वर्ष चारधाम यात्रा शुरूआती 50 दिनों में ही अब तक लगभग 30 लाख श्रद्धालु चारधामों के दर्शन कर चुके हैं। जबकि वर्ष 2023 में 30 जून तक यानि 68 दिनों में लगभग 30 लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए आये थे। प्रशासन की ओर से सुगम, सुरक्षित व निर्बाध चारधाम यात्रा के संचालन को लेकर निरंतर प्रयासरत किये जा रहे हैं।
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