चमोली जनपद में स्थित फूलों की घाटी में इन दिनों फूल खिलने लगे हैं। जिससे घाटी इन दिनों विभिन्न प्रजाति के फूलों से गुलजार हो गई है। यहां इस वर्ष अभी तक 6309 देशी और विदेशी पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया है। जिससे इन दिनों घाटी में पर्यटकों की चहल-पहल बनी हुई है।
यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहरों में शामिल की गई फूलों की घाटी में प्रतिवर्ष 300 से अधिक प्रजातियों के हिमालयी पुष्प खिलते हैं। यहां फूल जून के मध्य से अगस्त तक के मध्य तक खिलते हैं। ऐसे में इन दिनों फूलों की घाटी में विभिन्न प्रजाति के हिमालयी फूल खिल गये हैं।
डेढ़ माह में 6,309 पर्यटकों ने किया फूलों की घाटी का दीदार
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ वीवी मार्तोलिया ने बताया इस वर्ष 1 जून को फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोली गई थी। जिसके बाद से वर्तमान तक घाटी में 6,247 भारतीय और 62 विदेशी पर्यटकों ने घाटी के दीदार किए है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पर्यटकों की आमद को देखते हुए बीते वर्षों से अधिक संख्या में पर्यटकों के घाटी में पहुंचने की उम्मीद है।
गौरतलब रहे कि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी ट्रेक 01 जून, 2024 से पर्यटकों के लिए खोल दी गई थी। फूलों की घाटी ट्रेक अपने फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगी फूल खिलते है। प्रकृति प्रेमियों के लिए फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के बिहंगम नजारे भी देखने को मिलते है। फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।
उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने बताया कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल 01 जून को घांघरिया बेस कैंप के लिए रवाना किया गया। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आ गये। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ फ्लावर ट्रैकिंग के लिए देशी नागरिकों को 200 रुपये तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये ईको ट्रेक शुल्क निर्धारित किया गया है। ट्रैक को सुगम और सुविधाजनक बनाया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी।
फूलों की घाटी भ्रमण के लिये जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है। सितंबर में ब्रह्मकमल खिलते हैं। यह उद्यान लगभग 87.50 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी अथवा पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है। फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है। यहां से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहां से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।
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