मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में वर्चुअल रूप से रूद्रप्रयाग में आयोजित जागतोली दशज्यूला विकास महोत्सव-2024 कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागतोली दशज्यूला महोत्सव की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि दशज्यूला का यह क्षेत्र सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिणिक गतिविधियों का केंद्र एवं प्राचीन परंपराओं, मेलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध रहा है। इस क्षेत्र की नैणी चोटी पर विराजमान मां नैणी देवी समस्त उत्तराखंड वासियों की रक्षा करती हैं। यह क्षेत्र उत्तराखंड की आस्था, समृद्ध परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम भी है। पारंपरिक मेले हमारे भीतर धार्मिक ऊर्जा को मजबूत कर हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और एकता, समर्पण एवं आस्था की भावना को बढ़ाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की धरा से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के कथन को चरितार्थ करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सतत विकास के दृष्टिकोण से देश दुनिया में एक अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की। राज्य सरकार उनके सपनों को अवश्य पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। केदारनाथ धाम में करीब 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से पुनर्निमाण कार्य करवाए जा रहे हैं। बद्रीनाथ के मास्टर प्लान पर भी तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार चार धाम यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बना रही है। उन्होंने कहा बड़ी आपदाओं का सामना करने के बावजूद सरकार समय पर प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं आपदा प्रभावित विभिन्न जगहों पर जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए। केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग भी प्राकृतिक आपदा के चपेट में आने से यात्रा मार्ग में फंसे हर एक श्रद्धालु को सुरक्षित लाया गया। बाबा केदार के आशीर्वाद से ही हजारों लोगों को सकुशल नीचे लाने में कामयाब हुए। राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम के मार्गों को ठीक करने एवं यात्रियों की सुरक्षा और भी पुख्ता करने की दिशा में 30 करोड़ रूपए की राशि जारी की है। उन्होंने कहा प्रदेश का हर नागरिक उनका परिवार है और अपने परिवार के किसी भी सदस्य को आपदा में अकेला नहीं छोड़ना उनका संकल्प है। उन्होंने कहा केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है।
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