आयुर्वेद, दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक हैं। आयुर्वेद में शरीर, मन, आत्मा, और पर्यावरण के बीच संतुलन को बनाए रखने पर ज़ोर दिया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में, आहार, जड़ी-बूटियां, मालिश, योग और ध्यान जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, छमरोटा उत्तरकाशी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विरेंद्र चंद के नेतृत्व में आयुष अरोग्य मंदिर छमरोटा के सौजन्य से आज यमुना वैली पब्लिक स्कूल, नौगांव में आयुर्विधा कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर आयुर्वेद से होने वाले लाभ एवं योग के बारे में बताया गया। साथ ही सभी को दिनचर्या एवं ऋतुचर्या, मसालों तथा घर पर होने वाले दैनिक जीवन से जुड़ी आयुर्वेदिक औषधी का परिचय करवार कर अपने स्वास्थ्य को ठीक करने के उपाय बताए गए।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विरेंद्र चंद ने छात्र-छात्रों को संबोधित करते हुए उनको आयुर्वेद के बारे में तथा आयुर्वेद से होने वाले लाभ के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है। जिसका अर्थ होता है – ‘जीवन का विज्ञान’। यह दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक हैं आयुर्वेद में शरीर, मन, आत्मा, और पर्यावरण के बीच संतुलन को बनाए रखने पर ज़ोर दिया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में, आहार, जड़ी-बूटियां, मालिश, योग, और ध्यान जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर त्रिदोषकृ वात, पित्त एवं कथ पर आधारित है। एक दिन में 24 घंटे होते हैं और इसको चार घंटे के हिसाब से 6 चक्रों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक चक्र में त्रिदोष में से ही एक विशिष्ट दोष का बाहुल्य रहता है। उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए उसी दोष के अनुसार शरीर के क्रियाकलापों को सुनिश्चित करना चाहिए।
योग अनुदेशक उपेंद्र सिंह ने विद्यालय के समस्त छात्रकृछात्राओं को योग के बारे में बताते हुए कहा कि, योग हमारे देश का एक प्राचीन अभ्यास है, जिसमें शारीरिक आसन, ध्यान, और सांस लेने की तकनीकें शामिल हैं। यह मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर केंद्रित है। योग के फायदों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि योग से शरीर में रक्तचाप कम होता है, मुद्रा और रक्त संचार में सुधार होता है, योग से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, साथ ही शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। शरीर में जमा अतिरिक्ट फैट यानी चर्बी कम होती है, जिससे आप में अनावश्यक मोटापा नहीं होता। योग से हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में योग को अपना चाहिए।
आयुर्विधा कैंप को संबोधित करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्य सीमा रावत ने कहा कि छात्रों को जीवन में आयुर्वेद और योग की तरफ भी ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रत्येक शनिवार को छात्रों को गतिविधि आधारित शिक्षा देता आ रहा है, जिसमें विद्यालय में छात्रों को विभिन्न प्रकार के खेल, योग समयकृसमय पर करवाया जाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विद्यालय में आयुर्विधा कैंप आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया।
कैंप के अंत में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विरेंद्र चंद, साथ में उपस्थित कमर्चारियों एवं विद्यालय की प्रधानाचार्य द्वारा कुछ छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। साथ ही चिकित्साधिकारी द्वारा विद्यालय की प्रधानाचार्य को एक पैन ड्राइव भी दी गई।
इस आयुर्विधा कैंप में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विरेंद्र चंद, फार्मासिस्ट अधिकारी जगदम्बा उनियाल, योग अनुदेशक उपेन्द्र सिंह, महिला योगाचार्य आरती अग्रवाल, विद्यालय की प्रधानाचार्य सीमा रावत, दैनिक जागरण से वरिष्ठ पत्रकार तिलचंद रमोला, विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं – दीपक लोहनी, सुनील लोहनी, दर्शन गैरवाल, सुमित्रा, मोनिका, काजल, रेनू, सरिता, दीपिका, पिंकी राणा आदि मौजूद रहे।
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