आशीष जोशी ने फैशन की दुनिया छोड़ पीसीएस परीक्षा में पाई पहली रैंक

आशीष जोशी ने फैशन की दुनिया छोड़ पीसीएस परीक्षा में पाई पहली रैंक

सितारगंज के आशीष जोशी ने उत्तराखंड पीसीएस 2021 में चयन हुआ है। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से उत्तराखंड में पहली रैंक प्राप्त की है। आशीष वर्तमान में चमोली जनपद के जोशीमठ में नायब तहसीलदार पद पर कार्यरत हैं।

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना क्षेत्र के जोगयुड़ा गांव के मूल निवासी और हाल सितारगंज हाइड्रिल कालोनी निवासी आशीष जोशी पुत्र खजान चंद्र जोशी ने अपनी प्रतिभा और जज्बे का लोहा मनवाया है। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी सितारगंज से हुई हैं। वर्तमान में जोशीमठ में वह नायब तहसीलदार के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। आशीष के पिता केसी जोशी बिजली विभाग में जेई के पद से सेवानिवृत्त हैं। मां पुष्पा जोशी गृहिणी हैं, उनकी बहनें प्रोफेसर, अधिकारी और पत्नी डॉक्टर हैं। अभी आशीष ज्योर्तिमठ तहसील गढ़वाल में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात हैं।

मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना के पास के रहने वाले आशीष जोशी ने परीक्षा टॉप की। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा का रिजल्ट जारी किया। इसमें कई युवाओं की किस्मत चमकी। आशीष अभी जोशीमठ में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं। उनका परिवार ऊधमसिंह के सितारगंज में हाइडिल कालोनी में रहता है। आशीष ने बताया उनकी प्रारम्भिक पढ़ाई सितारगंज में पूरी हुई। उच्च शिक्षा निफ्ट मुम्बई में पूरी की। 4 साल मुम्बई में जॉब की। फिर उच्च न्यायालय नैनीताल में समीक्षा अधिकारी के पद पर जॉब की। उनकी पिता ऊर्जा निगम में तैनात है। मां ग्रहणी है। उनकी 4 बहने हैं। एक बहन डॉ. अर्चना जोशी शहर डिग्री कालेज गौलापार में तैनात है।

वर्तमान में जोशीमठ में वह नायब तहसीलदार के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। फैशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद चार साल तक फैशन की दुनियां में जलवा दिखाने वाले आशीष जोशी को जनसेवा का भाव वापस अपने प्रदेश खींच लाया। पीसीएस 2021 में टॉप करना उनके लिए ज्यादा मुश्किल इसलिए नहीं था, क्योंकि ये उनकी चौथी सफलता है। इससे पहले वह यूपी, उत्तराखंड की लोअर पीसीएस और उत्तराखंड समीक्षा अधिकारी भर्ती पास कर चुके हैं। आशीष ने वर्ष 2016 में पहला अटेम्प्ट दिया लेकिन मेंस में सफलता नहीं मिली, आशीष ने हिम्मत नहीं हारी और तैयारी में जुटे थे।

वर्ष, 2021 में फिर उन्होंने समीक्षा अधिकारी की परीक्षा दी और सफल होने पर उच्च न्यायालय में तैनाती मिली, जॉब के साथ साथ रोजाना रात में करीब छह घंटे तक की पढ़ाई करते थे। इस दौरान लोअर पीसीएस और पीसीएस की परीक्षा में सम्मिलित हुए। लोअर पीसीएस में 12वीं रैंक मिली। जिसपर उन्हें नायब तहसीलदार पद पर नियुक्ति पिछले माह जोशीमठ में हुई। यूपी लोअर पीसीएस की परीक्षा 2022 में पास की थी लेकिन ज्वाइन नहीं किया। आशीष ने मुंबई से आने के बाद सिर्फ चार माह के लिए दिल्ली की एक कोचिंग में तैयारी की। इसके बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी को प्राथमिकता दी। रोजाना सरकारी काम को पूरा कर रात में छह घंटे तक पढाई का नियम बनाया। रणनीति बना कर नौकरी के साथ ही पढ़ाई जारी रखा।

आशीष जोशी ने तैयारी करने वाले युवाओं के लिए कहा कि सबसे पहले उत्तराखंड प्रदेश का सामान्य ज्ञान पढ़ें, राज्य की हर भर्ती की प्री परीक्षा में 30 से 50 फीसदी प्रश्न राज्य से जुड़े होते हैं। मुख्य परीक्षा में तो राज्य से जुड़े विषयों पर ज्यादा लिखना होता है, इसके बाद जनरल स्टडी के लिए सबसे पहले उस विषय को चुनें, जिसमें कभी आपकी रूचि रही हो। इससे आपके लिए आसानी हो जाएगी। आशीष ने 2016 में मेंस नहीं निकलने पर वर्ष, 2017 में फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, स्नैपचैट अकाउंड डिलीट कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे कुछ मिल नहीं रहा था, बल्कि समय जा रहा था। इतना ही नहीं मन में एक कौतुहल बना रहता था कि मेरा दोस्त यहां जा रहा है, घूम रहा है और बहुत सी बातें देख ध्यान भंग होता था।

आशीष ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के साथ ही घूमना, गाना सुनना, फिल्में देखना, परिवार के साथ समय बिताना जारी रखा। उन्होंने कहा कि बस एक बात का ख्याल रखना है, कि कितना समय किसके लिए दिया। पढ़ाई जितना भी करें मन लगाकर करें। पढ़ाई के लिए जितना भी समय दें पूरी इमानदारी से दें। आशीष अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने ये मुकाम पाया है। अभी वह प्रशासनिक सेवा दे रहे हैं।

बुधवार को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा का परिणाम जारी किया। जिसमें आशीष जोशी ने उत्तराखंड पर टॉप किया है। आशीष इस परीक्षा से पहले भी कई परीक्षा पर अपना मुकाम हासिल कर चुके हैं। आशीष उच्च न्यायालय में समीक्षा अधिकारी पद पर तैनात थे। वर्तमान पर आशीष ज्योर्तिमठ तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं। आशीष का पैतृक घर अल्मोड़ा जिले के ज्युगूडा में है। वर्तमान पर सितारगंज पर रहते हैं। आशीष ने कठिन परिश्रम से ये मुकाम हासिल किया है। समूचे परिवार, गांव पर जश्न का माहौल है।

(लेखक दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।)

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