गैरसैंण में भराड़ीसैंण बनेगी आदर्श पर्वतीय राजधानी, सीएम त्रिवेंद्र ने बताई पूरी योजना

गैरसैंण में भराड़ीसैंण बनेगी आदर्श पर्वतीय राजधानी, सीएम त्रिवेंद्र ने बताई पूरी योजना

गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें प्लानर और विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है।

गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को इसे अपनी मंजूरी दे दी। इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि भराड़ीसैण को आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप दिया जाएगा। आने वाले समय में भराड़ीसैंण सबसे सुंदर राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाएगी। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए 4 मार्च 2020 को की गई घोषणा सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान है। अब अधिसूचना लागू होने से भराड़ीसैंण, गैरसैंण आधिकारिक रूप से ग्रीष्मकालीन राजधानी हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के विजन डॉक्यूमेंट में गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात कही गई थी। क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें प्लानर और विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। बड़े स्तर पर फाइलें न ले जानी पड़ी, इसके लिए ई-विधानसभा पर कार्य किया जा रहा है। इससे पेपरलैस कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए रामगंगा पर चैरड़ा झील का निर्माण किया जा रहा है। इसके बनने के बाद भराड़ीसैण, गैरसैण और आसपास के क्षेत्र में ग्रेविटी पर जल उपलब्ध हो सकेगा। गैरसैण की कनेक्टीविटी पर भी काम किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण के भराड़ीसैण को जोड़ने वाली सड़कों को आवश्यकतानुसार चौड़ा किया जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इसके पूरा होने पर रेल गैरसैंण के काफी निकट तक पहुंच जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि आज फिर एक ऐतिहासिक दिवस है। आज गैरसैंण को राजधानी का विधिवत शासनादेश जारी हो चुका है। उत्तराखंड की तमाम जनभावनाएं इससे जुड़ी हैं। 4 मार्च को जब ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की गई थी, उस समय उत्तराखंड और राज्य से बाहर रहने वाले तमाम लोगों ने खुशी जाहिर की थी। उन सभी की इच्छा आज पूरी हो चुकी है। उत्तराखंड में ऐसे समय में जब कोरोना जैसी महामारी से लोग प्रभावित हैं, ये खबर उन सभी को सुकून देगी। राज्य के भविष्य, विकास की यात्रा पर इस फैसले की लंबे समय तक छाया रहेगी।

Flashback…जब गैरसैंण को घोषित किया ग्रीष्मकालीन राजधानी

 

 

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