• 14 साल के अंतराल पर एवरेस्ट अभियान के दौरान एक ही जगह गई दोनों भाईयों की जान

    14 साल के अंतराल पर एवरेस्ट अभियान के दौरान एक ही जगह गई दोनों भाईयों की जान0

    माउंट एवरेस्ट… दुनिया का सबसे ऊंचा शिखर। इस चोटी को छूने की आस लेकर सैकड़ों पर्वतारोही हर साल इस जोखिम भरे अभियान पर निकलते हैं। इनमें से कुछ ही सफलता हासिल कर पाते हैं। लेकिन दो नाम ऐसे भी हैं, जिन्होंने भले ही एवरेस्ट के शिखर को न छुआ हो लेकिन दोनों ही पर्वतारोहण की दुनिया के शिखर पुरुषों से कम नहीं हैं। ये कहानी है बहुगुणा ब्रदर्स की। एक को पर्वतारोहण के लिए अर्जुन पुरूस्कार और पद्मश्री मिला और दूसरे को कीर्ति चक्र, सेना मेडल और दो बार विशिष्ट सेवा मेडल। दोनों पहली बार में एवरेस्ट के बेहद करीब पहुंचे और दूसरी बार के अभियान में जान गंवा दी। वो भी एक ही जगह…लेकिन 14 साल के अंतराल पर। ये कहानी है मेजर हर्षवर्धन बहुगुणा और मेजर जयवर्धन बहुगुणा की।

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  • उत्तराखंडी टोपी की इंटरनेशनल ब्रांडिंग, एक दिन में निकल रहा एक महीने का स्टॉक

    उत्तराखंडी टोपी की इंटरनेशनल ब्रांडिंग, एक दिन में निकल रहा एक महीने का स्टॉक0

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाव-भाव, पहनावे से जुड़ी हर बात उन्हें दूसरों से अलग करती है। साल 2014 में देश की कमान संभालने के बाद से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर उनका पहनावा और सिर पर बांधी जाने वाली पगड़ी चर्चा का विषय रही है। लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी पगड़ी की जगह एक खास तरह की टोपी पहने नजर आए। यह उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी थी, जिस पर चार रंगों की एक तिरछी पट्टी और उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल लगा हुआ था। बस पीएम मोदी की ‘ब्रांडिंग’ ने उत्तराखंड की इस पारंपरिक टोपी को वैश्विक पहचान दिला दी है। आज यह टोपी इतनी डिमांड में है कि इसे तैयार करने वाले कारीगर मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं।

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  • ड्रोन की मदद से बिहार में अवैध शराब माफियाओं पर ‘स्ट्राइक’, उत्तराखंड का लाल, मचा रहा धमाल

    ड्रोन की मदद से बिहार में अवैध शराब माफियाओं पर ‘स्ट्राइक’, उत्तराखंड का लाल, मचा रहा धमाल0

    वेदांन्त बिष्ट ने उत्तराखंड से ही ड्रोन उड़ाने की तकनीक सीखी और अब रिलायंस समूह की हिस्सेदारी वाली देश की प्रतिष्ठित कंपनी एस्टीरिया एयरोस्पेस में डीजीसीए द्वारा सर्टिफाइड ड्रोन पायलट के तौर पर काम कर रहे हैं। उत्तराखंड में ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना का पहला प्रस्ताव हिल-मेल के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘रैबार’ के साल 2017 में देहरादून में आयोजित पहले संस्करण में नेशनल टेक्नीकल रिसर्स आर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) के तत्कालीन प्रमुख आलोक जोशी ने रखा था।

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