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अनाथ बच्चों के पालन-पोषण से पढ़ाई तक का जिम्मा उठाएगी सरकार, रात्रिकालीन कर्फ्यू का कड़ाई से पालन, ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं… ऐसे न जाने कितने फैसले सीएम योगी ने लिए जिसकी बदौलत आज देश के सबसे बड़े प्रदेश में कोरोना काबू में आ गया है। जन्मदिन पर पढ़िए योगी स्पेशल
READ MOREखेती हो, कंपनी खड़ी करना हो या कोई दूसरा कामकाज… सफल होने के लिए एक बेहतर प्रबंधन मॉडल की जरूरत होती है। किसी काम की सफलता उसकी तैयारी पर निर्भर करती है। हाल के वर्षों में पहाड़ों में जैविक खेती का ट्रेंड बढ़ रहा है। पारंपरिक खेती से इतर रासायनिक खाद से कम पैसे में स्वास्थ्य के लिए हितकर खेती की जाने लगी है। हालांकि पहली नजर में यह परेशानी भरा, बाजार कहां मिलेगा, फायदा कितना होगा, सूअर-बंदर तो नहीं खा लेंगे… ऐसे सवालों का सामना होता है। पर आज हम जिस फार्म ग्रुप की बात करने जा रहे हैं उसके सोशल-बिजनस मॉडल से न सिर्फ किसानों को फायदा हुआ है बल्कि बेहतर प्रबंधन से आसपास के लोगों को स्थायी रोजगार भी मिल गया है।
READ MOREउत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई 2021 को कोरोना मामलों के महाविस्फोट के लिए याद किया जाएगा। मई के महीने ने उत्तराखंड के हेल्थ सिस्टम की सारी परतें उधेड़ कर रख दी। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार के प्रयास नाकाफी रहे। ऐसे में सामाजिक संगठनों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और राज्य सरकार को बड़ा संबल मिला। हंस फाउंडेशन हमेशा की तरह सबसे बड़ा योगदान देने वाला परोपकारी संगठन रहा।
READ MOREकोरोना काल ने देश को झकझोर कर रख दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने चहेतों को खो दिया। लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए सरकारों, अधिकारियों, कर्मचारियों और डॉक्टरों के अलावा भी कुछ लोग हैं, जो दिन रात सांसें को रुकने से बचाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहे हैं।
READ MOREपिछले साल कोरोना काल में लॉकडाउन लगा तो बहुत से लोग गांव लौट गए। इस बार भी हालात बिगड़े तो उत्तराखंड के बहुत से लोग गांव में ही जम गए। अगर आप भी गांव में रहकर कमाई के बारे में सोच रहे हैं तो ऑर्गेनिक खेती एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसमें कम समय में आपको आय भी होने लगती है। तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता बबीता रावत ने आर्गेनिक खेती से युवाओं के सामने एक मिसाल पेश की है।
READ MOREएक तरह से देखें तो जिस भी विभाग में राधिका झा को तैनाती मिली, वह मानकों पर खतरी उतरीं। उन्होंने अपने स्तर पर नूतन प्रयास किए और ऊर्जा संरक्षण के लिए काम किया। उन्हें प्रोग्रेसिव ब्यूरोक्रेट कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऐसी तेजतर्रार आईएएस उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
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उत्तराखंड के लाल अपनी काबिलियत के बल पर उच्च पदों पर विराजमान हैं उनमें से एक नाम भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) पूर्व एडीजी मनोज सिंह रावत का भी है। वह आईटीबीपी से इस रैंक पर प्रोन्नति पाने वाले बल के पहले अधिकारी थे। 1986 बैच के आईटीबीपी कैडर के अधिकारी मनोज सिंह रावत के पास देश, विदेश में फील्ड और प्रशिक्षण का व्यापक अनुभव रहा है।
READ MOREनई दिल्ली में हिल मेल फाउंडेशन द्वारा आयोजित ’रैबार 2022 “विजन फॉर न्यू उत्तराखण्ड 2030“ वैचारिक मंथन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मनजीत नेगी द्वारा लिखित ’महायोद्धा की महागाथा’ पुस्तक का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, सांसद अनिल बलूनी, चीफ ऑफ डिफेंस जनरल अनिल चौहान, उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डीजी इंडियन स्पेस एसोसिएशन लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट और प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी, एडीएमए के सदस्य राजेंद्र सिंह, डॉ मनमोहन सिंह चौहान सहित कई शख्सियतों ने शिकरत की।
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