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उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मसरूम की खेती छोटे किसानों के लिए सोना साबित हो रही है। साल में तीन बार मशरूम का उत्पादन होता है। इस प्रकार एक साल में एक हट से 8400 किलो मशरूम उत्पादन होगा। एक किलो मशरूम की बाजार दर 150 रुपये है। इस प्रकार एक हट से 12.60 लाख रुपये के मसरूम उत्पादन हो होगा।
READ MOREउत्तराखंड सरकार द्वारा चारों धामों की शीतकालीन यात्रा शुरू करने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे है।
READ MOREउत्तराखंड का पर्यटन अब तक मुख्य तौर पर धार्मिक और सामान्य पर्यटन तक सीमित था, लेकिन अब सरकार इसमें साहसिक पर्यटन के जरिए नए आयाम जोड़ रही है।
READ MOREबाजार में काश्तकार 600 रुपये से अधिक प्रति किलोग्राम की दर से कर रहे मछली बेच रहे हैं, स्थानीय बाजार के साथ राज्य के बाहरी बाजारों में भी बढ़ रही ट्राउड मछली की मांग।
READ MOREगैरसैंण के एतिहासिक गांव सारकोट पहुंच कर सीएम धामी ने सुनी जन समस्याएं, गांव के विकास के लिए की घोषणाएं।
READ MOREगैरसैंण क्षेत्र में काश्तकारों की ओर से फसलों को वन्य जीवों द्वारा नुकसान पहुंचाने की शिकायत को देखते हुए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। जिसके लिए गैरसैंण ब्लॉक के आदिबदरी, खेती और थापली गांवों को मशरूम उत्पादन के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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चारधाम यात्रा 2025 को सुचारू बनाने के लिए बीकेटीसी ने यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने यात्रा मार्ग स्थित विश्राम गृहों और कार्यालयों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।
READ MOREजितेंद्र ने भारतीय सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव में उद्यान विभाग के सहयोग से सब्जी और फल उत्पादन का कार्य शुरु किया है। जिससे अब क्षेत्र के अन्य युवा भी उनसे प्रेरित होकर सब्जी और फल उत्पादन को लेकर उत्साहित हैं।
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