पिथौरागढ़ में आसमानी आफत: धारचुला में कई मकान-पुल बहे, सड़कें टूटी, देखें VIDEO

पिथौरागढ़ में आसमानी आफत: धारचुला में कई मकान-पुल बहे, सड़कें टूटी, देखें VIDEO

कोरोना काल में जिस समय लोग संक्रमण के डर से घरों में हैं, उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में प्रकृति ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ की घटनाओं से पिथौरागढ़ जिला काफी प्रभावित हुआ है।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में प्रकृति इस साल अपना रौद्र रूप दिखा रही है। सोमवार रात बादल फटने से धारचुला और आसपास के कई इलाकों में काफी नुकसान हुआ। गलाती और खुम्ती में कई पुल बह गए हैं। गलाती में ग्राम सभा नागलिंग का पंचायत भवन भी पानी में समाहित हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता एवं जिला पंचायत प्रतिनिधि सोनू मर्तोलिया ने हिल-मेल को हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि धारचूला से 4 किमी पीछे गलाती में एक नाला और पुल है। रात 4 बजे गलाती नाले में अचानक पानी बढ़ गया। इससे कुछ ही देर में नदी के किनारे बने 3-4 मकान बह गए। इसके साथ ही एक पंचायत घर, जिसमें नागलिंग ग्राम सभा की महिला मंगल दल की पूरी सामग्री रखी थी, नदी में समा गई। उन्होंने बताया कि एक मिलन घर है, जिसका काफी हिस्सा नदी में डूब गया है। एक परिवार की 4-5 बकरियां और दो गायें भी बह गईं। गनीमत यह रही कि नदी बढ़ने से आवाज तेज हुई तो आसपास के लोग वहां से रात में ही भाग गए। अब इन लोगों को प्रशासन की ओर से राजकीय प्राथमिक विद्यालय बालिंग में ठहराया गया है।

 

 

 

 

 

…जब बाल-बाल बचे एडीएम

 

पिथौरागढ़ के एडीएम आरडी पालीवाल उस समय बाल-बाल बचे जब वह मंगलवार को चीन सीमा से सटे धापा गांव में चल रहे आपदा राहत कार्यों का जायजा लेकर लौट रहे थे। एक जगह लैंडस्लाइड जोन को पार करते समय पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। मगर एडीएम ने सूझ बूझ से काम लेते हुए खुद को बचा लिया।

 

 

 

सोनू मर्तोलिया ने बताया कि उन्होंने अपनी टीम के साथ पहुंच कर पीड़ितों को कुछ मदद पहुंचाई है। हालांकि ज्यादातर सामान नदी में बह गया। सोनू मर्तोलिया के साथ राजेश वर्मा, जीतू वर्मा, सुमित, सौरभ मर्तोलिया आदि लोगों ने मदद की।

उधर, धारचूला में ग्वालगों से तवाघाट के लिए जाने वाली रोड पर भूस्खलन हुआ है। धारचूला नगर के लिए जाने वाली रोड पर ग्वालगो में भी 3-4 घर क्रेक हो गए हैं। धारचूला नगर की जलापूर्ति गलाती – धारचूला और घटखोला – धारचूला पेयजल योजना से होती है। दोनों लाइनें ध्वस्त हो चुकी हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले मुनस्यारी में बादल फटने से कई घर ढह गए थे, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई थी। आसपास के लोगों में खौफ का माहौल है।

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