स्नान घाटों पर चोरी करने वाले अंतर्राजीय गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार

स्नान घाटों पर चोरी करने वाले अंतर्राजीय गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार

गंगोत्री मे उन्होंने चोरी कर अपना काम कर दिया था, अब वह सभी गाडी बुक करवाकर दूसरी जगह पर चोरी करने के लिये रातों-रात भागने की फिराक मे थे तभी हर्षिल बैरियर पर पुलिस ने हमे पकड लिया गया। मामले में पुलिस टप्पेबाजों के आपराधिक इतिहास को टटोल रही है।

स्नान घाटों पर चोरी करने वाले अंतर्राजीय गिरोह के छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक लाख रूपये की नगदी बरामद कर ली। एसपी ने पुलिस टीम को पांच हजार रूपये का ईनाम दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी पुलिस ने गंगोत्री धाम पर चोरी करने वाले गौंडा उत्तर-प्रदेश के एक गिरोह को गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से 1 लाख से अधिक की नकदी बरामद की गयी है। खरगोन मध्यप्रदेश के एक श्रद्धालु वासुदेव ने थाना हर्षिल पर एक तहरीर दी, जिसमें उन्होंने बताया गया कि वह अपने परिजनों के साथ चारधाम यात्रा पर आए हैं, गंगोत्री धाम पर स्नान के दौरान उनकी पैंट चोरी हो गयी, जिसमें एक लाख 10 हजार 500 रूपये की नकदी, एक मोबाइल फोन, हाथ की घड़ी व दो आधार कार्ड थे, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

चारधाम यात्रा आये श्रद्धालुओं के सामान चोरी होने के मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी ने चोरी का अनावरण तथा आरोपियों की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में पुलिस उपाधीक्षक उत्तरकाशी, थानाध्यक्ष हर्षिल व गंगोत्री की टीम कों आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। पुलिस उपाधीक्षक उत्तरकाशी जनक सिंह पंवार के निकट पर्यवेक्षण एवं थानाध्यक्ष हर्षिल दीपक रावत के नेतृत्व में चोरी के खुलासे के लिए थाना हर्षिल व पुलिस स्टेशन गंगोत्री की अलग-2 पुलिस टीम गठित की गयी।

पुलिस टीम ने चोरी के इस मामले मे गहन पतारसी-सुरागरसी, संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ तथा सीसीटीवी फुटेजों जांच कर उत्तर-प्रदेश गौंडा के छह आरोपियों दिनेश, रविन्द्र, दयाराम, अनिल, श्यामू व आज्ञाराम को गत रात्रि में हर्षिल बैरियर से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से चोरी की गयी एक लाख 10 हजार 500 रूपये की धनराशि बरामद हुई।

पूछताछ के दौरान उक्त अंतर्राजीय गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वह सभी लोग आपस मे रिश्तेदार हैं, वह लोग चारधाम यात्रा मे आते हैं तथा धामों मे श्रद्धालुअ जब घाटों मे स्नान करने के लिये अपने कपडे उतारकर रखते हैै, पहले वह श्रद्धालुओ के सामान की रैकी करते हैं फिर वह लोग लुंगी व चादर फैलाकर उसकी सहायता से श्रद्धालुओं के कपडे, पर्स, बैग आदि की चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं उसके बाद श्रद्धालुओं के कपडे, पर्स से पैसों को निकालकर अपने पास रख लेते हैं, बाकि सामान फेंक देते हैं।

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