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पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के अंत में कहा कि आज जब मैं इस देवभूमि में आया हूं, वीर माताओं की भूमि में आया हूं तो कुछ भावगुच्छ, भावपुष्प, कुछ श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं कुछ पक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं।
READ MOREपीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आने वाले 5 वर्ष उत्तराखंड को रजत जयंती की तरफ ले जाने वाले हैं। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो इस देवभूमि में सिद्ध नहीं हो सकता। उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड होम-स्टे बनाने में, सुविधाओं के विस्तार में पूरे देश को दिशा दिखा सकता है। इस तरह के परिवर्तन उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
READ MOREपीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है। इसलिए इस क्षेत्र का विकास, इस क्षेत्र को भव्य स्वरूप देना, डबल इंजन की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैंने केदारपुरी की पवित्र धरती से कहा था और आज देहरादून से दोहरा रहा हूं, ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।
READ MOREपीएम मोदी के शुरुआती जीवन पर आधारित ‘साधु से सेवक’ पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि इसकी प्रस्तावना गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी है। उनके ही शब्दों को दोहराएं तो ‘साधु में सेवक पुस्तक हमें एक ऐसे अद्वितीय प्रतिभाशाली बालक की जीवंत कथा बताती है, जो आदर्श और परिश्रमी माता-पिता के सद्संस्कारों, समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पण का संकल्प लेने वाले वैचारिक अधिष्ठान की सीख के साथ राष्ट्र का समर्पित सेवक सिद्ध हुआ है।’
READ MOREपीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड जितनी ऊंचाई पर है, उससे ज्यादा ऊंचाई हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होने वाला है। उत्तराखंड के तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारधाम यात्रा आने वाले भक्तों की संख्या लगातार रिकॉर्ड बढ़ रही है। अगर कोरोना नहीं होता तो यह और भी ज्यादा होती।
READ MOREपीएम नरेंद्र मोदी ने सीमा पर तैनात सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने हर बार जवानों के साथ दिवाली मनाई क्योंकि देश के जवान ही उनका परिवार हैं। उन्होंने लोगों से दिवाली पर एक दीया जवानों के शौर्य को समर्पित कर जलाने की अपील की।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पहाड़ के इस सपूत पर ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का ज़िम्मा सौंपा है । बद्रीनाथ मंदिर के आसपास के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के उन्नयन के मास्टर प्लान के अनुसार मंदिर को तीन चरणों में आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाना है।
READ MOREप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाव-भाव, पहनावे से जुड़ी हर बात उन्हें दूसरों से अलग करती है। साल 2014 में देश की कमान संभालने के बाद से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर उनका पहनावा और सिर पर बांधी जाने वाली पगड़ी चर्चा का विषय रही है। लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी पगड़ी की जगह एक खास तरह की टोपी पहने नजर आए। यह उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी थी, जिस पर चार रंगों की एक तिरछी पट्टी और उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल लगा हुआ था। बस पीएम मोदी की ‘ब्रांडिंग’ ने उत्तराखंड की इस पारंपरिक टोपी को वैश्विक पहचान दिला दी है। आज यह टोपी इतनी डिमांड में है कि इसे तैयार करने वाले कारीगर मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
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