रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने उत्तराखंड के लोगों की भी चिन्ता बढ़ाई

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने उत्तराखंड के लोगों की भी चिन्ता बढ़ाई

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने जैसे ही आज सुबह यूक्रेन के विरूद्ध युद्ध का एलान किया। उसके बाद उत्तराखंड के जो बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए यूक्रेन गये हुए थे उनके परिवार वालों की चिन्ता भी बढ़ गई। कई बच्चों के कुछ दिन में भारत आने के लिए टिकट भी करवा दिये थे लेकिन इससे पहले ही यह युद्ध शुरू हो गया। इस बात से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी काफी चितित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारतीय विदेश मंत्रालय के लगातर संपर्क में हैं। हम यूक्रेन में फंसे हर एक उत्तराखंडी को सही सलामत वापस लाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

आज सुबह जैसे ही रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के विरूद्ध युद्ध का एलान किया। उसके बाद उत्तराखंड के जो बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए यूक्रेन गये हुए थे उनके परिवार वालों की चिन्ता भी बढ़ गई। कई बच्चों के कुछ दिन में भारत आने के लिए टिकट भी करवा दिये थे लेकिन इससे पहले ही यह युद्ध शुरू हो गया।

अब रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के कारण यूक्रेन में उत्तराखंड के कई बच्चे फंस गए है। जिससे इन बच्चों के परिजन काफी चितिंत है। कुछ छात्रों की अपने परिजनों से मोबाइल पर बात भी हुई है। जिन्होंने वहां फिलहाल ठीक होने की बात कही है, लेकिन आज सुबह जो तस्वीरें सामने आई उसने परिजनों को डरा दिया है।

देहरादून के अक्षत जोशी से आज उनके परिवार वालों की बात हुई। अक्षत ने बताया कि इमरजेंसी लगने की वजह से मॉल आदि में भीड़ है। लोग अपने लिए खाने पीने का सामान जोड़ रहे हैं। वहां पर पीने के पानी की अत्यधिक समस्या है। इसलिए पीने का पानी भी दुकान से बोतल खरीद कर लाना पड़ता है। अक्षत जोशी यूक्रेन के खारकिव शहर से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनका एमबीबीएस का तीसरा वर्ष है।

बच्चों के परिजन चाहते हैं कि जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे उनके बच्चों को भारत सुरक्षित लाया जाए। हाथी बड़कला की रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश सिंह बिष्ट यूक्रेन के लिवीव मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। उनको भी अपने बेटे की चिंता सताने लगी है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी काफी चितित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारतीय विदेश मंत्रालय के लगातर संपर्क में हैं। हम यूक्रेन में फंसे हर एक उत्तराखंडी को सही सलामत वापस लाने को लेकर हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इस संबंध में हम विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क में हैं।

एक समचार चैनल से बात करते हुए टर्नोफिल में पढ़ रहे मेडिकल के छात्र ने बताया कि वह पर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वहां पर अफरा तफरी को माहौल है यहां पर आज से मार्शल लॉ लागू हो रखा है। जो भी बैंक है वहां पर लम्बी लम्बी लाइन हैं, राशन की दुकान में भी भारी भीड़भाड है।

उन्होंने कहा कि मैं यहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूं यहां पर 1500 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं और 1000 छात्र फंसे हुए हैं। जब हमने स्कूल प्रशासन से कहा तो उन्होंने कहा कि आप आनलाइन नहीं कर सकते हैं और आप कॉलेज आकर ही आफलाइन पढ़ाई करेंगे। यहां पर पढ़ाई का अगल सिस्टम होता है अगर आपने पढ़ाई बीच में छोड़ दी तो आप को दोबारा वहीं से शुरू करना पडेगा जहां से छोड़ा था।

 

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