आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बन रहा उत्तराखंड पवेलियन

आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बन रहा उत्तराखंड पवेलियन

नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 42वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2023 में आज (21 नवम्बर) उत्तराखंड दिवस समारोह के अवसर पर प्रगति मैदान के नाट्यशाला में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा उपस्थित रहे और व्यापार मेले में लगे उत्तराखंड पवेलियन व सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित करके किया।

उत्तराखण्ड दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि देवभूमि वासियों ने अपने अनुभव से देश-विदेश में राज्य को गौरवांवित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य को आगे बढ़ाने को लेकर जो सपना देखा है उसे साकार करने में हमें अपना योगदान देना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए।

उत्तराखण्ड राज्य की जो प्रतिभा-सामर्थ्य है उसे हम सबको एकत्रित होकर देश-विदेश के सामने प्रस्तुत करने का काम करें। सौरभ बहुगुणा ने प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘वन प्रोडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट’ आह्वान की चर्चा करते हुए कहा कि दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों से आई हमारी मातृशक्ति व युवा साथियों ने स्टॉल लगाकर अपना सामर्थ्य दिखाया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पिछले पौने दो साल में सरकार ने उत्तराखण्ड के उत्पादों, दुर्गम क्षेत्रों की मातृशक्ति को रोजगार से जोड़ने, किसानों की आय दोगुनी को लेकर नीतियां बनाई हैं। इसका लाभ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में धरातल पर दिखाई दे रहा है। सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड के हमारे प्रवासी भाई-बहन राज्य के ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और आप लोग उत्तराखण्ड के बाहर रहकर भी राज्य का नाम रोशन करते हैं और योगदान देते हैं।

उन्होंने चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड 55 लाख लोगों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा की है। हाल ही में प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ आए थे और जिस तरह से पूरी दुनिया ने नरेन्द्र मोदी को आदि कैलाश यात्रा करते हुए देखा इसके बाद अब अगली भव्य यात्रा कुमाऊं में होगी। आज प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ऑल वेदर रोड़ से चारों धाम को जोड़ पाए हैं और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल नेटवर्क लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है जब लोगों तक विकास पहुंचेगा तो लोग अपने गांवों में रहकर काम करेंगे, इससे पलायन की समस्या से निजात मिल पाएगी।

इस वर्ष उत्तराखण्ड पवेलियन में 36 स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, चम्पावत, चमोली और टिहरी जिलों के हस्तशिल्प व हथकरघा के अलावा राज्य पर्यटन, खादी बोर्ड और औद्योगिक बोर्ड के भी स्टॉल मौजूद हैं। उत्तराखण्ड हथकरघा व हस्तशिल्प विकास परिषद के अधीन हिमाद्रि ने भी स्टॉल लगाया है। इसके अतिरिक्त दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की भी झलक देखने को मिल रही है।

पवेलियन में लगे स्टॉल में ऋषिकेश के स्टोन और पहाड़ों पर होने वाली जैविक दाल गहथ, उड़द, लोबिया, काली, सफेद भट, नौरंगी व तोर की अधिक मांग है। इसके अलावा अल्मोड़ा की सुप्रसिद्ध बाल मिठाई दिल्ली में रहने वाले उत्तराखण्ड के निवासियों के अलावा दूसरे राज्यों के लोगों को खूब लुभा रही है और इसे लोग बढ़-चढ़कर खरीद रहे हैं। कपड़ों के स्टॉल में प्रमुख रूप से हरिद्वार की लोई शॉल, ऊनी कपड़े आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं और लोहाघाट की लोहे की कढ़ाई और अन्य वस्तुएं भी उपलब्ध हैं।

इस वर्ष भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2023 की थीम “वसुधैव कुटुंबम् रखी गई है। इस अवसर पर कार्यक्रम में स्थानिक आयुक्त उत्तराखण्ड अजय मिश्रा, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट, मीडिया कोऑर्डिनेटर मदन मोहन सती, विशेष कार्याधिकारी (राज्य सम्पति) रंजन मिश्रा, पैवेलियन निदेशक प्रदीप नेगी आदि उपस्थित थे।

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