उत्तराखंड में रविवार को कोरोना के 2630 नए मरीज सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूलते जा रहे हैं। हर रोज हजारों की संख्या में मरीज आने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अकेले हरिद्वार से 572 केस और देहरादून से 1281 मरीज आए हैं।
कोरोना वायरस हर रोज लोगों को निगल रहा है फिर भी कुछ लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार की स्पष्ट गाइडलाइंस है कि अगर आपमें कोरोना के लक्षण समझ में आते हैं या आप बिना लक्षण के पॉजिटिव पाए जाते हैं तो क्वारंटीन रहिए जिससे दूसरों को यह संक्रमण न फैल सके। पर उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के नरेंद्र नगर सरकारी अस्पताल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
जी हां, टिहरी जिले के नरेंद्र नगर स्थित श्रीदेव सुमन अस्पताल में 20 कोरोना संक्रमित पाए गए थे जो 17 अप्रैल को फरार हो गए। चिंता की बात यह है कि इनमें से लोग देश के अलग-अलग राज्यों से हैं। पुलिस ने इन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच और तलाश शुरू कर दी है।
जिले के एकमात्र कोविड सेंटर से 20 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के भागने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। राजकीय अस्पताल से भागे इन लोगों की खबर जैसे ही फैली पूरे इलाके में दहशत फैल गई। दरअसल, लोग इन्हें ‘कोरोना बम’ ही मान रहे हैं क्योंकि जो भी इनके संपर्क में आएगा पॉजिटिव हो जाएगा।
भागे कोरोना मरीजों के मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जा रहा है पर कोई सुराग नहीं मिला। इस घटना के बाद अस्पताल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है जिससे बाकी बचे पॉजिटिव मरीज न भाग सकें।
इन 20 कोरोना पॉजिटिव में से दो उत्तराखंड के भी हैं। मरीजों के फरार होने का पता अस्पताल प्रशासन को 17 अप्रैल को शाम को लगा जब मरीजों की खैरियत जानने के लिए डाक्टर वॉर्डों में पहुंचे थे।
अस्पताल में कुल 38 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती थे। 18 लोग भी अब अस्पताल में बचे हैं। रात को ही स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की टीम ने एम्बुलेंस के साथ हरिद्वार तक तलाश की पर कोई फायदा नहीं हुआ।
घटना के बाद से अस्पताल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृति न हो।
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