पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकत के मद्देनजर बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार सरकार फोकस कर रही है। एक साथ 63 पुलों का उद्घाटन किया गया है, जिसमें से 6 पुल उत्तराखंड में हैं। कार्यक्रम में वर्चुअली शिरकत करते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इससे सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ जनता को भी लाभ होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लेह से देश में बीआरओ द्वारा दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बनाए गए पुलों (ब्रिजों) के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह से बीआरओ द्वारा देश में बनाए गए 63 पुलों एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया। बॉर्डर के करीब होने के कारण दुश्मन मुल्क से युद्ध की स्थिति में सेना वहां जल्दी पहुंच सकेगी।
इसमें उत्तराखंड में 1928.74 लाख की लागत से कुल 6 पुलों का लोकार्पण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के दुर्गम क्षेत्रों में पुल, सड़क निर्माण कर कनेक्टिविटी देना सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बीआरओ को दुर्गम क्षेत्रों में पुल, सड़क निर्माण करने पर बधाई दी और कार्यों की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पुल व सड़कें देश के विकास की गति बढ़ाते हैं तथा सड़कें विकास, पर्यटन के साथ ही देश की रक्षा की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम समृद्व-सशक्त देश बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे है। लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रामनगर से वचुर्वल रूप से हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश मे 6 पुलों का लोकार्पण किया गया है। उत्तराखंड में जोशीमठ -मलार रोड पर रानी पुल लागत 348.12 लाख, ऋषिकेश- धरासू सड़क पर खादी पुल लागत 513.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर कुरकुटिया ब्रिज लागत 142.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर जुनालीगढ़ ब्रिज लागत 649.62 लाख, तवाघाट-घाटियाबागढ सड़क पर जुंटीगढ़ ब्रिज लागत 156.00 लाख तथा मुनस्यारी- बगडियार-मिलन सड़क पर लास्पा पुल लागत 120.00 लाख के पुलों का लोकार्पण किया गया।
सीएम ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में पुल सड़क निर्माण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। बीआरओ ने दुर्गम क्षेत्रों में दिन-रात ठंड व बर्फबारी में भी लगातार काम कर पुलों का निर्माण किया। यह बहुत ही सराहनीय व साहसिक कार्य है। उन्होंने कहा कि इन पुलों के निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही सैन्य गतिविधियों के लिए बहुत सुविधा मिलेगी। वर्चुवल लोकार्पण में सांसद अजय टम्टा ने भी हिस्सा लिया।
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