9 मिनट… स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, कोरोना संकट के अंधकार को देनी है चुनौती

9 मिनट… स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, कोरोना संकट के अंधकार को देनी है चुनौती

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने लोगों से आह्वान किया है कि वे आज प्रदोष के बाद रात्रिकाल में रात के ठीक 9 बजे से 9 मिनट तक अपनी आत्मशक्ति का जागरण करें, अपने भीतर के उत्साह को जगाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर आज पूरा देश 9 मिनट के लिए दीये जलाने की तैयारी कर रहा है।

5 अप्रैल 2020, यानी आज रात 9 बजे 9 मिनट के लिए पूरा देश दीये जलाने के महाअभियान में शामिल होने जा रहा है। कोरोना के खिलाफ चल रहे लॉकडाउन में घरों में रह रहे लोग इसकी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों के जेहन में संभव है कि यह सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर इसका उद्देश्य क्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशवासी अपने उन योद्धाओं- डॉक्टरों, नर्सों एवं अन्य जरूरी कार्यों में लगे लोगों के लिए सम्मान का भाव प्रदर्शित करने के साथ कोराना के खिलाफ संघर्ष में एकजुटता का भी प्रदर्शन भी करेंगे।

9 मिनट के इस अद्भुत अभियान को लेकर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने देशवासियों को अपना संदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘प्रकाश एक उत्सव है, प्रकाश स्वयं जीवन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी 130 करोड़ देशवासियों से आह्वान किया है कि आज 5 अप्रैल, रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक कोरोना के इस वैश्विक संकट काल में हम एक मत, एकजुट होकर अपने घरों में लाइटें बंद कर दीपक प्रकाशित करें। इस दौरान घरों से बाहर न निकलें, इकट्ठे न हों, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।’ उन्होंने कहा कि हमें मिलकर कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देनी है।

अपने वीडियो संदेश में स्वामी अवधेशानंद गिरी कहते हैं, ‘हमारी संस्कृति प्रकाश की संस्कृति है, हम उजाले के पक्षधर हैं। जितना भी हमारे आसपास में कठिनाई, अल्पता, संशय, रोग, दुख हैं उनके लिए भी हमने सत्य और ज्ञान के प्रकाश का आश्रय लिया है।’

https://www.facebook.com/tsrawatbjp/videos/609017486494927/

 

उन्होंने कहा कि प्रकाश एक उत्सव है और प्रकाश स्वयं जीवन है। जीवन की स्वाभाविक मांग भी प्रकाश है। हम आज अपनी एकात्मता के साथ खड़े हों और वैश्विक संकट काल में प्रकाश का आह्वान करें। ऐसे समय में भारत की एकात्मता का परिचय हमें पूरे विश्व को देना है। हमारा एकत्व, सह अस्तित्व, विश्व बिन्धुत्व भाव पूरे विश्व का चिरकाल से मार्गदर्शन करते आया है। 5 अप्रैल को प्रदोष के बाद रात्रिकाल में ठीक रात के 9 बजे से 9 मिनट तक हम आह्वान करें, अपनी आत्मशक्ति का जागरण करें, अपने भीतर के उत्साह को जगाएं। एक बहुत बड़ा सच है कि जब व्यक्ति सकारात्मक होता है तो अत्यंत समार्थ्यवान और शक्तिशाली होता है।

स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि मैं लाखों संन्यासियों, संतों की ओर से पूरे राष्ट्र का आह्वान करता हूं कि हम दीये जलाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि हम लक्ष्मण रेखा पार न करें। इस प्रकाश पर्व का देवता भी सम्मान करेंगे क्योंकि उन्हें भी प्रकाश प्रिय है।

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