कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से कार्रवाई की। आज की तारीख में प्रदेश में करीब 850 आईसोलेशन बैड हैं। कोरोना हॉटस्पॉट की व्यापक निगरानी की जा रही है। सीएम हेल्पलाइन 1905 को पूरी तरह कोरोना के लिए डेडीकेट कर दिया गया है।
कोरोना के संक्रमण के मामले जहां देशभर में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, वहीं उत्तराखंड में कोरोना का फैलाव ‘थम’ सा गया है। राज्य में पिछले पांच दिनों में कोरोना का कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। राज्य में कोरोना संक्रमित 35 लोगों में से 7 ठीक हो चुके हैं। हालांकि 28 लोगों का इलाज चल रहा है। त्रिवेंद्र सिंह सरकार राज्य में जिस तरह कोरोना के संक्रमण की रफ्तार थामने में सफल रही है, उसकी चर्चा अब होने लगी है, अभी तक देश भर में कोरोना के खिलाफ राजस्थान के ‘भीलवाड़ा मॉडल’ का हवाला दिया जा रहा था, लेकिन उत्तराखंड में जिस तरह पूरे राज्य में कोरोना का संक्रमण थमा हुआ है, उससे अब उत्तराखंड मॉडल भी चर्चा में आ गया है।
उत्तराखंड में अभी तक कोरोना संक्रमण के 35 मामले सामने आए थे, उनमें से सात पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। राज्य के सात पर्वतीय जिलों रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर में अभी तक कोरोना संक्रमण का कोई केस नहीं है। पौड़ी जिले में जो विदेशी नागरिक कोरोना संक्रमित था, वह ठीक हो चुका है। अल्मोड़ा में महज एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिला है। कुल मिलाकर राज्य में कोरोना के हॉटस्पॉट देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में ही हैं। इन जिलों से भी पांच दिनों में किसे के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है।
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दरअसल, उत्तराखंड में सरकार और प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। राज्य में हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए इलाकों में पूरी निगरानी बरती जा रही है। वहां सख्ती से बंदिशें लागू हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि इन इलाकों में हर घर तक पहुंचा जाए। इसके लिए जांच टीम गठित की गई हैं। हालांकि कुछ जगहों पर जांच टीम को विरोध का भी सामना करना पड़ा। नैनीताल के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में एक मुस्लिम बहुल इलाके में लोगों ने जांच टीम का विरोध किया और उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाने के आदेश दे दिए। सीएम रावत ने कहा, हमें किसी भी हालात में स्थिति को नियंत्रण में रखना है इसलिए हमने शुरू में कहा था कि जो भी सख्त कदम उठाने पड़ेंगे हम उठाएंगे।
कोरोना से निपटने के लिए तेजी से की गई तैयारी
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से कार्रवाई की। आज की तारीख में प्रदेश में करीब 850 आईसोलेशन बैड हैं। इसके अलावा कोरोना संदिग्धों के लिए 1833 बैड, 473 आईसीयू, 257 वैंटिलेटर, 8695 पीपीई किट, 30375 N95 मास्क, 5902 वीटीएम किट सुविधा है। गैर-सरकारी अस्पतालों में भी व्यवस्था की गई है। इस इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग, टैक्निशियन संवर्ग विभिन्न 347 पदों पर नियुक्ति की जा रही है। कोरोना संबंधित हॉस्पिटल्स में टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जा रही है।
हॉटस्पॉट का व्यापक सर्विलांस
प्रदेशभर में चिह्नित किए गए 14 हॉटस्पॉट में व्यापक स्तर पर सर्विलांस, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग व सैंपलिंग कर मरीजों की पहचान की जा रही है। इन इलाकों में सैनेटाइजेशन का काम भी व्यापक स्तर पर चल रहा है। प्रदेश के 14 हॉटस्पॉट में देहरादून में भगत सिंह कॉलोनी, कारगी ग्रांट, डोईवाला केशव बस्ती, झबरावाला, लक्खीबाग मुस्लिम कॉलोनी, अल्मोड़ा के रानीखेत में कुरैशियन मोहल्ला, हरिद्वार में गैंडीखाता गुर्जर बस्ती, रुड़की में पनियाला कलियर, मंगलौर का मलकपुर मोहल्ला तथा ज्वालापुर में पांवधोई, नैनीताल के हल्द्वानी में लाइन नंबर 16 व 17 नई बस्ती, मलिक का बगीचा व बनभूलपुरा और
ऊधमसिंह नगर में गुज्जर खत्ता हैं।
सीएम हेल्पलाइन 1905 कोरोना के लिए डेडीकेट
लॉकडाउन के दौरान सीएम हेल्पलाइन 1905 लोगों का बड़ा सहारा बनी हुई है। इस पर पिछले 23 मार्च से कोरोना राहत से सबंधित समस्याओं और जानकारी से सबंधित कॉल्स को सुना जा रहा है| मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर इस हेल्पलाइन को पूरी तरह कोरोना के लिए डेडीकेट किया गया है। आईटी पार्क स्थित आईटीडीए भवन के चौथे तल पर बनी सीएम हेल्पलाइन 1905 को अतिरिक्त आवश्यक संचार उपकरणों से और अधिक प्रभावी बनाया गया है। यहां पर एक साथ 16 लोगों की टीम कोरोना से संबंधित समस्याएं सुन रहे हैं। अधिकतम समस्याओं का समाधान 24 घंटे के भीतर ही करवाया जा रहा है। इसके लिए सबंधित अधिकारी को आउटबांड काल करके समस्या का समाधान करने के लिए भी तुरंत बताया जा रहा है|
उत्तराखंड पुलिस की ‘देवदूत’ की भूमिका
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लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में पुलिस का एक दूसरा चेहरा दिख रहा है। यह पुलिस का वह मानवीय पहलू है, जो उसकी प्रचलित छवि के एकदम उलट है। आम धारणा यह होती है कि पुलिस कठोर होती है। लेकिन उत्तराखंड पुलिस के जवान लॉकडाउन के दौरान एक नए ही अवतार में नजर आ रहे हैं। यह है जरूरतमंदों के मददगार। वे लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं। गरीबों को खाना खिला रहे हैं, बीमारों को दवा पहुंचा रहे हैं। संक्रमण के भारी खतरे के बावजूद अपनी जिम्मेदारी को खूबसूरत ढंग से निभा रहे हैं। यही वजह है कि कुछ लोग मददगार पुलिस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर उन्हें ‘देवभूमि के देवदूत’ भी कह रहे हैं। राज्य के हर हिस्से से पुलिसकर्मियो के सेवा भाव की तस्वीरें सामने आ रही हैं।
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