उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासियों में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इन लोगों के संपर्क में आए परिजन भी संक्रमित हो रहे हैं। अभी तक जिन पहाड़ी जिलों में कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंच सका था, वहां से भी केस सामने आ रहे हैं।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार चिंता का बड़ा सबब बनती जा रही है। बुधवार को उत्तराखंड में संक्रमण के नौ नए मामले सामने आए हैं। मंगलवार को भी राज्य में 15 लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखकर आशंका जताई जा रही है कि राज्य के कुछ जिले फिर रेड जोन में जा सकते हैं।
बुधवार को सामने आए नए मामलों में एक उत्तराकाशी, एक हरिद्वार, एक अल्मोड़ा, दो नैनीताल, चार ऊधमसिंह नगर जिले में सामने आए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 122 हो गई है। इनमें से 55 लोग ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं।
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उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासियों में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। साथ ही इन लोगों के संपर्क में आए परिजन भी संक्रमित हो रहे हैं। 11 दिन में उत्तराखंड में कोरोना के 59 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अभी तक जिन पहाड़ी जिलों में कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंच सका था, वहां से भी केस सामने आ रहे हैं।
ऊधम सिंह नगर बन रहा नया हॉटस्पॉट
कुमाऊं मंडल की बात करें तो यहां ऊधमसिंहनगर के किच्छा में एक 19 वर्षीय युवती और 13 वर्षीय किशोर की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। ये दोनों चार दिन पहले कोरोना संक्रमित युवक के भाई-बहन हैं। युवक गुरुग्राम से लौटा था। इसके अलावा बाजपुर निवासी एक व्यक्ति भी संक्रमित मिला है। ऊधम सिंह नगर में मंगलवार को भी तीन नए मामले सामने आए थे।
पहाड़ी जिलों में भी पहुंचा संक्रमण
बागेश्वर और नैनीताल में संक्रमित पाए गए लोग मुंबई, गुरुग्राम और दूसरे शहरों से लौटे थे। उत्तरकाशी निवासी युवक 15 मई को अपने तीन साथियों के साथ दिल्ली से वापस लौटा था। संदिग्ध लगने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक का सैंपल जांच के लिए भेजा था, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही हरिद्वार के रुड़की का एक शख्स भी संक्रमित पाया गया। वह कुछ दिन पहले ही मुंबई से लौटा था और उसका सैंपल लिया गया था, जिसके बाद उसे होम क्वारंटाइन कर दिया था।
राज्य में फिलहाल कोई भी जिला रेड जोन नहीं
उत्तराखंड में ऑरेंज जोन में अल्मोड़ा, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, ऊधमसिंहनगर, और उत्तरकाशी जिले शामिल हैं। ग्रीन जोन में हरिद्वार, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत जिले हैं।
कौन करेगा जोन का निर्धारण
लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के आधार पर रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया है। कोरोना संक्रमित मामलों के आधार पर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से जनपदों की रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन की श्रेणी तय की जाती थी। जोन तय करने के लिए अलग-अलग मानक निर्धारित हैं। इसमें संक्रमण की दर, मरीजों के ठीक होने की दर, सर्विलांस, सैंपल जांच शामिल हैं। अब से किस जनपद को कौन सा जोन घोषित करना है यह प्रदेश सरकार तय करेगी। लेकिन इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होगा।
क्या होता है रेड जोन
रेड जोन में वो जिले आते हैं जहां कोरोना के एक्टिव केस हैं। इसमें कोरोना केस की कुल संख्या, कंफर्म केस दोगुनी होने की दर, जिलों से प्राप्त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा जाता है। पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना के मामलों की रफ्तार बढ़ी है, उसने रेड जोन बनने को लेकर आशंका पैदा कर दी है। रेड जोन घोषित होने वाले जिलों में तमाम छूट को प्रशासन वापस ले सकता है।
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