15 जून को लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और चीन के भी करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि उसने फजीहत होने के डर से औपचारिक तौर पर घोषणा नहीं की है। बॉर्डर पर इस तनाव के बीच रविवार को पड़ रहे सूर्य ग्रहण से क्या कुछ बदलेगा…एक रिपोर्ट।
पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में खूनी संघर्ष के बाद बढ़े तनाव के बीच रविवार, 21 जून को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। ऐसे में कालगणना, ग्रहों की चाल और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कई तरह की बातें निकल कर सामने आ रही हैं। ऐसे में देहरादून के जानेमाने ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील बलूनी ने ‘हिल मेल’ से चीन से तनाव पर ज्योतिष के लिहाज से कई महत्वपूर्ण और प्रमाणिक बातें बताईं।
युद्ध का माहौल और बढ़ेगा
उन्होंने कहा कि चीन के साथ इस समय युद्ध जैसा तनाव है लेकिन मैं आपको निश्चित करना चाहता हूं कि युद्ध से संबंधित चीजें अभी और बढ़ेंगी। यह वर्ष दोहरे चंद्रमा और दोहरे शून्य के कारण राहु का वर्ष है और चीन का अंक और कार्यप्रणाली राहु वाली स्थिति को पूरी दुनिया में फैलाएगा।
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जब व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट….
पंडित बलूनी ने कहा, ‘विश्वयुद्ध में भी जितने लोग नहीं मरे, उससे ज्यादा लोगों की हत्याएं चीन अपने इस दुर्दांत वायरस की वजह से कर चुका है। उसके बावजूद चीन के ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, अमेरिका, भारत समेत कई देशों से संबंधों, सागर से लेकर अंतरिक्ष तक उसके रवैये को देखें तो जैसे एक व्यक्ति अपना कब्जा कर लेना चाहता है।’ उन्होंने आगे कहा कि किसी व्यक्ति की बुद्धि जब भ्रष्ट होती है तो इसी प्रकार की मानसिकता पनपती है।
नकारात्मकता बढ़ा रहा चीन
उन्होंने कहा कि उस देश के राजनीति के श्रेष्ठतम पद पर जो व्यक्ति बैठा है उसका अंक 6 और पूर्ण अंक 4 का बनता है। इस साल के अंदर वह अपनी नकारात्मकता और महात्वाकांक्षाओं को फैलाने में, अपनी चीज को बढ़ाने में काफी आगे तक जाएगा और उसे आंशिक तौर पर सफलताएं मिलती भी दिखेंगी क्योंकि जितनी हत्याएं युद्ध करके यह नहीं कर सकता था, मृत्यु का तांडव, पूरी दुनिया को युद्ध से परेशान नहीं किया जा सकता था, पूरे संसार की अर्थव्यवस्था को चौपट नहीं किया जा सकता था, उसने अपनी नकारात्मक रणनीति कोरोना वायरस के माध्यम से संसारभर में कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे की एक ही वजह है। यह सब करने के बाद में व्यक्ति अपनी आर्थिक मनोइच्छाएं और विस्तारवादी नीति की मनोइच्छाओं को पूर्ण करना चाहता है। लेकिन जब व्यक्ति की बुद्धि के पीछे निगेटिव चीजें होती हैं तो वह नहीं समझ पाता कि इसके दूरस्थ परिणाम क्या होंगे।
ग्रहण के बाद चीन की रणनीति उतनी सफल नहीं होगी
पंडित बलूनी ने कहा कि निश्चित मानकर चलिए कि ग्रहण के लगने के बाद चीन की रणनीति पहले की तरह सफल नहीं होंगी क्योंकि वो अपने जिन-जिन कार्यों को कर रहा था, यह ग्रहण उस पर ग्रहण लगाने वाला है। दूसरी बात यह भी है कि आगे कोरोना और रफ्तार से फैलेगा और दुख देगा, खासतौर से दक्षिण पूर्व एशिया, अमेरिका और यूरोप में कोरोना और फैलेगा जिससे मृत्यु बढ़ेगी और आर्थिक नुकसान बना रहेगा।
चीन की छवि 21 तारीख के बाद से एकदम बदलने लगेगी। चीन के मित्र और शत्रु देशों की मानसिकता बदलेगी। लंबे समय के लिए चीन अलग-थलग पड़ सकता है।
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