सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य सरकार ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीनी सामान का उपयोग नहीं करने का फैसला ले चुकी है। चीन निर्मित जो सामान फिलहाल इस्तेमाल हो रहा है, वह जारी रहेगा लेकिन आगे से कोई भी चीनी सामान नहीं खरीदा जाएगा।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ सैन्य संघर्ष के बाद से भारत में चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम तेज होती जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा चीन के कई ऐप्स पर बैन लगाने और सरकारी परियोजनाओं से चीनी कंपनियों के करार को तोड़ने के बाद अब राज्यों में भी यह कोशिशें तेज हो गई हैं।
उत्तराखंड सरकार ने भी एक अहम फैसले में तय किया है कि चीनी सीमा से सटे सूबे में चीन की कंपनियों के टेंडर स्वीकार नहीं किए जाएंगे। सरकारी कार्यों में भी चीन के सामान का पूरी तरह बहिष्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य सरकार चीनी सामान के उपयोग को हतोत्साहित करने का फैसला ले चुकी है।
सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन के विभिन्न मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद से देश में स्वदेशी ऐप्स अपनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियों के बिजली मीटर पर पाबंदी जैसे कदमों जैसे सवालों के जवाब में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीनी सामान का उपयोग नहीं करने का फैसला ले चुकी है। चीन निर्मित जो सामान फिलहाल इस्तेमाल हो रहा है, वह जारी रहेगा लेकिन आगे से कोई भी चीनी सामान नहीं खरीदा जाएगा।
टिहरी में रोप-वे के निर्माण के लिए चीनी कंपनियों ने भी प्रपोजल दिए हैं लेकिन इस फैसले के बाद अब इसमें उनकी भागीदारी नहीं होगी। ऊर्जा विभाग में चीन में बने इलेक्ट्रिसिटी मीटर, एलईडी लाइट्स, इलेक्ट्रिक वायर और केबल का काफी प्रयोग होता है, अब इन विभागों में चीनी सामान की खरीदारी नहीं होगी।
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