मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा कृषि और एग्रो फॉर्मिंग, हॉर्टीकल्चर एवं फ्लोरीकल्चर पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
कोविड-19 महामारी के बाद हुए लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड लौटे प्रवासियों और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की है। इसमें इस रोजगार परक योजना को पहले से ज्यादा आकर्षक और सुविधायुक्त बनाकर एक छत के नीचे लाया गया है।
सूबे के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के अनुसार लॉकडाउन के बाद अभी तक 3.27 लाख लोग उत्तराखंड लौटे हैं। सरकार यह मानकर चल रही है कि संख्या और बढ़ सकती है। इसलिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में प्रत्येक व्यक्ति को सुविधा और कौशल के अनुसार अपने व्यवसाय का चुनाव करने का अधिकार दिया गया है। 13 मई को शुरू हुई इस योजना में अभी तक 17653 लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
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उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिले में प्रवासियों को उचित स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला उद्योग केंद्र द्वारा काउंसलिंग की जाए और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। स्वरोजगार के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले होप पोर्टल पर अभी तक 17653 युवाओं ने पंजीकरण कराया है। अभी तक होप पोर्टल पर रजिस्टर युवाओं में से देहरादून से 3777, रुद्रप्रयाग से 2365, ऊधमसिंह नगर से 2066, टिहरी से 1818, पौड़ी में 1616, अल्मोड़ा से 1574, नैनीताल में 1390, चंपावत से 674, बागेश्वर 517, चमोली 429, हरिद्वार में 688, उत्तराकाशी के 966 और पिथौरागढ़ में 353 युवा पंजीकृत हैं। इसके अलावा पोर्टल पर 51 नियोजकों द्वारा 966 रिक्तियाँ स्वास्थ्य, आई.टी. और तकनीशियन क्षेत्र में अपलोड की गई हैं।
उन्होंने बताया कि विभिन्न व्यवसायों में विनिर्माण के क्षेत्र में 10 से 25 लाख रुपये तक के कर्ज की व्यवस्था है। इस कर्ज पर सरकार क्रमशः 15, 20, और 25 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। अभी तक इसमें 15109 आवेदन आए हैं। सबसे ज्यादा 2682 आवेदन देहरादून जिले से आए हैं। वहीं नैनीताल से 1876, ऊधमसिंह नगर से 1625, पौड़ी से 1278, अल्मोड़ा से 1360, टिहरी से 1361, हरिद्वार से 1145, उत्तरकाशी 877, चमोली 847, पिथौरागढ़ 570, बागेश्वर से 517, रुद्रप्रयाग 493, चंपावत से 478 आवेदन आए हैं।
कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहकारिता विभाग द्वारा मोटरसाईकिल- टैक्सी योजना संचालित की गयी है जिसमें प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए लाभार्थियों को 60 हजार रुपये से लेकर 1.25 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उपजे आर्थिक संकट से उबारने के लिए फेरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना को लाया गया है जिसमें पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान के साथ आसान ऋण पर उपलब्ध कराई जाएगी । मंत्री ने कहा कि इस योजना से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
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