उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक के बाद एक बुरी खबर आ रही है। यहां पिछले दिनों दो गांवों में भूस्खलन, तेज बारिश से कई लोगों की जान चली गई थी। बीती रात को फिर एक दुखद घटना घटी। एक घर ढह गया लेकिन आसपास के लोगों को कोई खबर नहीं हुई। सुबह लोगों ने देखा तो घर की जगह मलबा था।
पिथौरागढ़ जनपद में आसमानी आफत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों से जिले की बंगापानी और मुनस्यारी तहसील क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। अतिवृष्टि से जिले में भारी नुकसान हो चुका है। अब तक 11 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। यहां एक बार फिर बंगापानी तहसील के ही धामी गांव के भ्यौला तोक में भूस्खलन से एक घर मलबे में दब गया।
इस घटना में एक परिवार के दो सदस्य मवेशी समेत लपता बताए जा रहे हैं। यहां रविवार रात भारी वर्षा के कारण गांव के लोगों को इस घटना के बारे में पता नहीं चल पाया। जब सुबह गांववालों ने देखा तो घर की जगह पर मलबा पसरा हुआ था। राहत बचाव कार्य जारी है।
नाले में मलबा आने से दबी महिला
पिथौरागढ़ के तहसील तेजम के ग्राम गोठी में आज एक महिला नाले में मलबा आने से दब गई। यहां भारी बारिश के बाद मुनस्यारी-मिलम सड़क और पैदल रास्ता एक साथ बंद होने से यहां रह रहे लोगों के साथ ही सेना की मुश्किल और भी बढ़ गई है।
चीन सीमा पर रह रहे लोग और सुरक्षा चौकियों के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर इन रास्तों से सफर करने को मजबूर हैं। यहां चीन सीमा पर लीलम, मिलम, मरतोली, बुर्फू, बिल्जू, तोला, लास्पा, गनघर, पातो, मापा सहित 13 गांवों के साथ ही आईटीबीपी की मिलम, रेलकोट, बुगड़ियार और दुंग चौकी स्थापित है।
वहीं सीमा पर गांवों में रह रहे लोगों और चौकियों में तैनात जवानों की आवाजाही के लिए मुनस्यारी-मिलम सड़क या पैदल रास्ता ही एकमात्र साधन है। लेकिन आपदा से सड़क और रास्ते एक साथ बंद होने से सभी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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