मई 1962 को बिहार में जन्मे ओम प्रकाश फिजिक्स में एमफिल हैं। 1987 बैच के आईएएस अफसर ओम प्रकाश को उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित हुआ और वह मऊ, हाथरस, बांदा, गाजीपुर में जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह यूपी में कई सचिव स्तर के पदों पर भी रहे हैं।
- टी. हरीश
उत्तराखंड में राज्य सरकार ने नए चीफ सेक्रेटरी के पद पर ओम प्रकाश को नियुक्त कर दिया है। राज्य के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी उत्पल कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है। लेकिन कयासों को विराम देते हुए हुए राज्य सरकार ने 1987 बैच के आईएएस ओम प्रकाश को राज्य का नया चीफ सेक्रटरी नियुक्त किया है। असल में राज्य में 2022 में विधानसभा होने हैं और ओम प्रकाश 2022 में रिटायर होंगे। लिहाजा भविष्य के चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने ओम प्रकाश पर दांव खेला है। राज्य में ओम प्रकाश को मिलनसार अफसर माना जाता है। आमतौर पर वह मीडिया के लिए सुलभ अफसर माने जाते हैं।
असल में राज्य में चर्चा है कि उत्पल कुमार सिंह को राज्य सरकार रिटायरमेंट के बाद किसी आयोग का अध्यक्ष नियुक्त करने जा रही है। लेकिन अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका खुलासा नहीं किया है। लेकिन राज्य सरकार ने ओम प्रकाश के मुख्य सचिव नियुक्त होने पर अपनी मुहर लगा दी है। राज्य में चीफ सेक्रेटरी की दौड़ में राधा रतूडी भी मानीं जा रही थीं, जो ओम प्रकाश से एक बैच जूनियर हैं। कहा जा रहा था कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार भी राधा रतूड़ी पर दांव खेल सकती है। लेकिन राज्य के सीएम रावत ने अंतत वरिष्ठता को तरजीह देते हुए ओम प्रकाश को चीफ सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया।
ओम प्रकाश 1987 बैच के अफसर हैं। हालांकि उनके साथ ही 1985 बैच के अनूप वधावन के नाम को लेकर भी चर्चा थी। लेकिन केंद्र में सचिव बनने के बाद वह राज्य में वापस आएंगे। इस बात को लेकर संशय बना हुआ था।
ओम प्रकाश की नियुक्ति ही क्यों?
राज्य में मौजूदा अफसरों में उत्पल कुमार सिंह के बाद ओम प्रकाश सबसे वरिष्ठ हैं। 1985 बैच के अनूप बधावन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वहीं राज्य में ओम प्रकाश को सुलभ अफसर माना जाता है। इसके साथ ही राज्य की आर्थिक, भौगौलिक और राजनैतिक स्थितियों को लेकर वह काफी जानकारी रखते हैं। इसके साथ ही उनके रिटायरमेंट का समय भी काफी ज्यादा है। लिहाजा राज्य सरकार को अपने प्रोजेक्ट पूरे कराने में आसानी होगी। ओम प्रकाश यूपी में कई जिलों में जिलाधिकारी भी रह चुके हैं और आमतौर पर चीफ सेक्रेटरी के लिए इसे एक बड़ा पैमाना माना जाता है।
राज्य में 2022 को होने हैं विधानसभा चुनाव
राज्य में करीब डेढ़ साल के बाद विधानसभा के चुनाव भी होने हैं और ऐसे में हर सरकार अपने करीबी अफसर को इस पद पर चाहती है। चुनाव में शासन की काफी बड़ी भूमिका होती है। वहीं ओम प्रकाश मई 2022 में रिटायर होंगे। यानी राज्य में चुनाव संपन्न कराने के बाद ही वह रिटायर होंगे। लिहाजा कई पैमानों को देखते हुए राज्य सरकार ने 1987 बैच के आईएएस ओम प्रकाश को राज्य का नया चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया।
मई 1962 को बिहार में जन्मे ओम प्रकाश फिजिक्स में एमफिल हैं। 1987 बैच के आईएएस अफसर ओम प्रकाश को उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित हुआ और वह मऊ, हाथरस, बांदा, गाजीपुर में जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह यूपी में कई सचिव स्तर के पदों पर भी रहे हैं। इसके बाद उत्तराखंड राज्य बन जाने के बाद उन्हें उत्तराखंड का कैडर एलॉट हुआ। इसके बाद वह राज्य में कई अहम पदों पर रहे और चीफ सेक्रेटरी बनने से पहले अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर थे।
त्रिवेंद्र थे कृषि मंत्री और ओम प्रकाश सचिव
राज्य में पिछली भाजपा सरकार के दौरान जब राज्य में कृषि मंत्री के पद पर त्रिवेंद्र सिंह रावत थे, तो उस वक्त ओम प्रकाश राज्य के कृषि सचिव के पद थे। इसके बाद राज्य में त्रिवेंद्र सिंह के सीएम बन जाने के बाद उन्हें राज्य में अहम पदों पर नियुक्त किया गया। राज्य के नए चीफ सेक्रेटरी करोड़पति हैं। उनके पास देहरादून और लखनऊ के साथ ही बिहार में संपत्ति है। खास बात यह है कि उन्होंने इसका जिक्र केंद्र सरकार को दिए गए संपत्ति विवरण में कर रखा है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)
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