भ्रष्टाचार का कीड़ा जहां भी लगे, वह पूरी व्यवस्था को चट कर जाता है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान उन गरीबों और बेसहारा लोगों को होता है, जिनके लिए वह रकम प्रस्तुत की गई थी। अब सीएम रावत ने ऐसे लोगों को सख्त चेतावनी दी है।
उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों में निकम्मे और भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी अपनी जगह खुद तलाश लें। उधर, सीएम रावत ने भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे दो पूर्व एमडी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं।
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार हो या राज्य की त्रिवेंद्र सरकार- दोनों जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए कई अधिकारियों के खुलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रष्टाचार और मनमानी पर उतरे अफसरों को दो टूक कहा है कि जनता के काम आपके और सबके लिए सर्वोपरि हैं। ऐसे में जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने सचिवालय, विधानसभा और विभाग के मुख्यालयों में लंबे समय तक मामले लटकाए रखने, फाइलें दबाने पर भी संज्ञान लिया है और साफ कहा कि सचिवालय में फाइलों का पूरा हिसाब किताब लेने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने जिन दो एमडी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, उनमें एक ऊर्जा और दूसरा पेयजल से जुड़े रहे हैं। ये दोनों अफसर अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को लेकर चर्चाओं में रहे। माना जा रहा है कि अगर इनके खिलाफ निष्पक्ष जांच हुई तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। राज्य में सबसे ज्यादा दिक्कतें लोगों को प्रमाण पत्र बनाने तथा छोटी-छोटी शिकायत दर्ज कराने में होती है।
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