कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार अब कामकाज पर पूरा फोकस कर रही है। सीएम ने समीक्षा बैठक कर सचिवालय में फाइलों के निस्तारण में देरी पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कर्मचारियों के तबादले के आदेश भी दिए जो लंबे समय से टिके हुए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सचिवालय के अनुभागों में फाइलों के निस्तारण में देरी के लिए उत्तरदायी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों में मात्र स्थानान्तरण किया जाना ही काफी नहीं है। सचिवालय में पत्रावलियों का निस्तारण समय पर समयबद्धता के साथ हो, इसके लिये उन्होंने लोक निर्माण, सिंचाई, आवास, खनन, आबकारी एवं पेयजल अनुभागों में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक कार्यरत कार्मिकों को एक सप्ताह के अन्दर स्थानान्तरित करने के निर्देश सचिव सचिवालय प्रशासन को दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अनुभाग स्तर से पत्रावलियां निर्धारित प्रक्रिया के तहत उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत की जाए किन्तु वापसी में पत्रावली को उच्च स्तर से सीधे सेक्शन को सन्दर्भित कर दिया जाए। इससे समय की बचत तथा आदेशों के क्रियान्वयन में शीघ्रता होगी। एक अनुभाग अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारी को एक ही विभाग का कार्य सौंपा जाए, कार्मिकों को सभी विभागों की कार्य प्रणाली की जानकारी रहे। इसकी व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय जन आकांक्षाओं का भी केन्द्र होता है, जनहित से जुड़ी योजनाओं की स्वीकृति में तेजी आने से उसका लाभ आम आदमी को समय पर मिल सकेगा तथा जन कल्याण के लिये समर्पित सरकार का सन्देश भी आम जनता तक पहुंचेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सचिवालय में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार के साथ ही सभी सचिवों एवं प्रभारी सचिवों के साथ सचिवालय की कार्य प्रणाली में सुधार एवं ई- फाइलिंग आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की तथा इस सम्बंध में सभी से सुझाव भी प्राप्त किये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि भविष्य में यह स्थिति कदापि उत्पन्न न हो कि मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के अनुमोदन के पश्चात सेक्शन स्तर पर पत्रालियों के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब हो। इसका पर्यवेक्षण करने के साथ ही पत्रावलियों की समयबद्धता के साथ निस्तारण किये जाने की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। मुख्यमंत्री ई- फाईलिंग को सीएम डैशबोर्ड से लिंक किये जाने, लम्बित प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा के अन्दर निस्तारण करने के निर्देश देते हुए एक लक्ष्य लेकर पहले लो.नि.वि, सिंचाई, ऊर्जा, कार्मिक एवं गृह विभाग की ई- फाइलिंग तैयार करने को कहा है।
कार्मिकों का वार्षिक मूल्यांकन जरूरी किये जाने एवं बेहतर कार्य करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत किये जाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने सचिवालय मैनुअल के पुनर्मूल्यांकन किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय मैनुअल परिणामकारी हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मैनुअल रिफॉर्म हेतु गठित समिति से शीघ्र अपनी अनुशंसा उपलब्ध कराने को कहा।
उन्होंने सचिवालय अनुभागों के पर्यवेक्षण की कारगर व्यवस्था बनाने तथा सचिव स्तर पर माह में एक दिन अनुभागों का निरीक्षण किये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कार्मिकों के हित तथा विभागीय कार्यों में गति लाने के लिये विभागों में समय पर डीपीसी करने के निर्देश दिये। इसके लिये उन्होंने प्रत्येक माह के अन्तिम दिवस को डीपीसी के लिये निर्धारित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अब तक कैबिनेट के जितने भी निर्णय हुए हैं उनका शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। विभागीय/निदेशालय स्तर के अधिकारियों को अनावश्यक सचिवालय न आना पड़े, इसके लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था अमल में लायी जाए। कार्मिकों की उपस्थिति की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। इसके लिये सी.सी.टी.वी. की व्यवस्था बनाये जाने तथा उच्चाधिकारियों के स्तर पर इसकी निगरानी किये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि जब भी शासन स्तर पर जनहित में कोई नीति बनायी जाती है तो उसकी ड्राफ्ट पॉलिसी को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। पब्लिक प्लेटफॉर्म में जाने पर इसमें जनता के सुझाव भी प्राप्त हो सकेंगे तथा एक व्यावहारिक नीति बनाने में मदद मिलेगी।
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