25 जून से कुछ रूटों पर बसों का संचालन आधी क्षमता और दोगुने किराए की शर्त पर हो रहा है। अब इस बसों में यात्री क्षमता की सीमा बढ़ाने और किराए को घटाकर डेढ़ गुना तक लाने पर सहमति बन गई है। इन मुद्दों को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।
उत्तराखंड में सभी मार्गों पर बसों के चलने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। कोरोना संक्रमण के चलते अभी इसे स्थगित ही रखने का फैसला लिया गया है। राज्य में कुछ चुनिंदा रूटों पर बसें सीमित संख्या में चल रही हैं लेकिन उन रूटों पर संचालन पूरी तरह बंद है, जहां एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए उत्तर प्रदेश होकर जाना पड़ता है। उत्तराखंड परिवहन अभी अंतरराज्यीय बसों का संचालन भी नहीं करेगा।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। हालांकि जिन रूटों पर बसें संचालित हो रही हैं, उनके यात्रियों को कुछ छूट मिल सकती है। दरअसल, 25 जून से कुछ रूटों पर बसों का संचालन आधी क्षमता और दोगुने किराए की शर्त पर हो रहा है। अब इस बसों में यात्री क्षमता की सीमा बढ़ाने और किराए को घटाकर डेढ़ गुना तक लाने पर सहमति बन गई है। इन मुद्दों को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।
उत्तराखंड परिवहन की बसों में किराया 67 फीसद तक ही बढ़ाने का फैसला लिया था। अंतरराज्यीय परिवहन शुरू न होने से मौजूदा समय में रोडवेज और निजी बसें प्रदेश के अंदरूनी रूटों पर ही चल रही हैं। देहरादून से हल्द्वानी या नैनीताल के लिए बसें संचालित नहीं हो रही हैं।
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