ओहो रेडियो उत्तराखंड का पहला ऑनलाइन रेडियो होगा, जो मोबाइल ऐप के जरिये स्रोताओं तक पहुंचेगा और पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ दुनिया भर में जहां कहीं भी इंटरनेट चलता है, वहां ओहो रेडियो को सुना जा सकेगा। “सोच लोकल, अप्रोच ग्लोबल” का विजन लिए संगीत, शिक्षा, साहित्य, स्पोर्ट्स, करियर, पलायन, समाज और उत्तराखंड की हर बात को ओहो रेडियो अपनी आवाज देगा
उत्तराखंड के मशहूर रेडियो जॉकी काव्य ने कुछ समय पहले रेडएफएम देहरादून से विदा ले ली थी। तभी से सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही है कि वह क्या करने वाले हैं। उन्होंने पिछले कुछ दिनों में यह संकेत दिए कि वह उत्तराखंड के लिए डेडीकेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म लांच करने वाले हैं। उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने इससे पर्दा उठा दिया है। सोशल मीडिया पर आरजे काव्य से अक्सर पूछा जाता है कि – आपकी आवाज रेडियो के जरिये पहाड़ों में कब सुनाई देगी? इसी सवाल का जवाब देने के लिए आरजे काव्य लेकर आए हैं उत्तराखंड का पहला ऑनलाइन रेडियो स्टेशन ओहो रेडियो, उत्तराखंड… मेरे हिल की धड़कन।
आरजे काव्य…देव भूमि उत्तराखंड के लिए तीन साल में ही ये एक ऐसा नाम बन गया, जिसे क्या पहाड़ और क्या मैदान, हर जगह भरपूर प्यार मिला। काव्य को उत्तराखंड के लोग परिवार का हिस्सा मानने लगे। आरजे काव्य खुद को “उत्तर का पुत्तर” कहा तो लोग उनके फैन बनते चले गए। इसके बाद शुरू हुआ पहाड़ की कला, संस्कृति को रेडियो के जरिये बढ़ावा देने का सिलसिला।
एफएम रेडियो के क्षेत्र में रेडियो जॉकी के तौर पर अपना मुकाम बनाया और पिछले 12 साल में रेडियो में जो कुछ भी सीखा उस नॉलेज को उत्तराखंड में आकर इस्तेमाल किया। उत्तराखंड की संस्कृति, यहां का खानपान, संगीत, पहनावा, बोलचाल – ये सारी चीजें अपने आप में समृद्ध हैं, लेकिन कहीं ना कहीं आज के मॉडर्न हो रहे जमाने में वो अपना पहचान खो रही थीं, पर आरजे काव्य ने अपने रेडियो प्रोग्राम्स, अपनी पहल “एक पहाड़ी ऐसा भी” और अपने सोशल मीडिया के जरिये इस खोती पहचान को संजोने की कोशिश की और निरंतर करते आ रहे हैं।
पहाड़ों के लिए कुछ अलग करने का जज़्बा लेकर आज से लगभग 3 साल पहले जब आरजे काव्य उत्तराखंड लौटे, तभी से उनकी कोशिश रही कि रेडियो को लोगों की आवाज बनाएंगे, क्योंकि आरजे काव्य हमेशा कहते हैं कि – उत्तराखंड में देहरादून तो दिखता है, पर देहरादून में उत्तराखंड नहीं दिखता है। इसी खालीपन को पूरा करने के लिए आरजे काव्य ने एक साहस भरा क़दम उठाया और 9 नवंबर को “उत्तराखंड दिवस” पर वो अनाउंस कर दिया कि – वो उत्तराखंड के गांव-गांव की बात पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए अपना खुद का एफएम रेडियो स्टेशन ला रहे हैं – ओहो रेडियो, उत्तराखंड… मेरे हिल की धड़कन।
काव्य ने रेडियो के सफर की शुरुआत 2008 में जोधपुर दैनिक भास्कर ग्रुप के MyFM के साथ की। इसके बाद उन्होंने 2010 में Red Fm ज्वाइन किया। पहले कानपुर, फिर जयपुर, कोलकाता, दिल्ली के बाद 3 साल पहले काव्य को देहरादून में Red FM को जमाने की जिम्मेदारी दी गई। काव्य को Red FM में कई अच्छे इनिशिएटिव लेने का श्रेय दिया जाता है। उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाले लोगों के साथ उन्होंने लोकप्रिय सीरीज ‘एक पहाड़ी ऐसा भी’ शुरू की। उनके इस कार्यक्रम ने देशभर में रहने वाले उत्तराखंडियों का ध्यान खींचा। ‘Ghost Village’नहीं ‘Dost Village’ से रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा दिया। काव्य ने अपने Youtube चैनल ‘उत्तर का पुत्तर’ के जरिये पहाड़ की लोक संस्कृति, संगीत से जुड़े लोगों को एक नया मंच प्रदान किया। उत्तराखंड लोक संगीत के स्थापित चेहरों के साथ ही नए कलाकारों, गायकों और संगीतकारों को लोगों के सामने लाए। आज काव्य के सोशल मीडिया पर तीन लाख से ज़्यादा फॉलोअर हैं और भारत के साथ ही 21 देशों से Uttarakhand के लोग उनसे जुड़े हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय निर्वाचन आयोग ने काव्य को अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाया था।
हिल-मेल से बातचीत में काव्य ने बताया कि उनका रेडियो स्टेशन उत्तराखंड के लिए डेडीकेटेड होगा। उन्होंने कहा कि “सोच लोकल, अप्रोच ग्लोबल” का विजन लिए संगीत, शिक्षा, साहित्य, स्पोर्ट्स, करियर, पलायन, समाज और उत्तराखंड की हर बात को ओहो रेडियो अपनी आवाज देगा या यूं कहें आपके दिलों में धड़कन बनकर धड़केगा। ओहो रेडियो उत्तराखंड का पहला ऑनलाइन रेडियो होगा, जो मोबाइल ऐप के जरिये आप तक पहुंचेगा और पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ दुनिया भर में जहां कहीं भी इंटरनेट चलता है, वहां आप ओहो रेडियो को सुन पाएंगे. क्योंकि, आप लोग सोशल मीडिया पर हमेशा पूछते थे कि काव्य की आवाज रेडियो के जरिये पहाड़ों में कब सुनाई देगी? इसी सवाल का जवाब है ओहो रेडियो उत्तराखंड। बस इंतज़ार कीजिए और हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट अपने उत्तर का पुत्तर आरजे काव्य को देते रहिये। जल्दी ही ये बुलंद आवाज़ “आप की आवाज़” बनकर ओहो रेडियो पे उत्तराखंड की वादियों में गूंजती सुनाई देगी।
2 comments
2 Comments
Prachi singh
January 19, 2021, 11:12 pmSir kya aapke channel me job milegi ?
REPLYTARA Singh Bhandari
January 21, 2021, 4:26 pmBahut shandar awaj hai bhai ki, soch bhi.
REPLYMany many best wishes to him for OHORadio.