एनएसए अजीत डोभाल ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि वह खुद को गौरवान्वित भारतीय सैनिक और सच्चा बंगाल सैपर्स मानते थे। उन्होंने अपने युवावस्था के दिनों को याद करते हुए कहा कि बीईजी और इसके केंद्र से उनकी कई यादें जुड़ी हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 12 फरवरी को रुड़की स्थित बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने पिता मेजर गुणानंद डोभाल की स्मृति में दी जाने वाली हॉकी चैंपियनशिप की ‘डोभाल ट्रॉफी’ प्रदान की। उनके पिता का बंगाल सैपर्स में 36 साल का शानदार सेवाकाल रहा। वह एक बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी थे। इस दौरान उन्होंने बीईजी एंड सेंटर टीम और बंगाल सैपर्स की दूसरी रेजीमेंटों के बीच हुए प्रदर्शनी मैच का आनंद भी उठाया।
इस अवसर पर एनएसए अजीत डोभाल ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि वह खुद को गौरवान्वित भारतीय सैनिक और सच्चा बंगाल सैपर्स मानते थे। उन्होंने अपने युवावस्था के दिनों को याद करते हुए कहा कि बीईजी और इसके केंद्र से उनकी कई यादें जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल सैपर्स के भावना और पहचान उनके साथ रही है। उन्होंने बंगाल सैपर्स की इंजीनियर कोर, भारतीय सेना और सबसे ऊपर देश के योगदान, दृढ़ता और प्रोफेशनल क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा, बंगाल सैपर्स देश की सेवा में समर्पित सबसे पुराने रेजिमेंटल सेंटर में से एक है, जिसका 200 से अधिक वर्षों का वीरता का समृद्ध इतिहास है। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि वह बंगाल सैपर्स और राष्ट्र के लिए गौरव हासिल करने की इस परंपरा को आगे बढ़ाएं।
एनएसए डोभाल ने कोर ऑफ इंजीनियर के इंजीनियर-इन-चीफ और कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह की उनकी देश सेवा के लिए सराहना की और बीईजी एवं सेंटर को ‘डोभाल ट्रॉफी’ प्रदान करने का अवसर देने के लिए आभार जताया।
इस दौरान एनएसए डोभाल शहीदों की शहादत को सम्मान देने के लिए बनाए गए बंगाल सैपर्स के युद्ध स्मारक भी गए और वहां वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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