चमोली में ग्लेशियर टूटकर अचानक बाढ़ आने की घटना को 8 दिन हो गए हैं। अब तक करीब 170 लोगों की कोई खबर नहीं है। सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात अभियान चल रहा है। ऐसे में ऋषिगंगा नदी के ऊपर बनी झील को लेकर नई जानकारी सामने आई है।
उत्तराखंड की तपोवन टनल के अंदर ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। चमोली पुलिस के मुताबिक अब तक कुल 38 लोगों के शव बरामद हुए हैं। अब भी डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की कोई खबर नहीं है। इस बीच, पिछले दो-तीन दिनों में ऋषिगंगा में बनी झील लोगों की चिंता बढ़ा रही है। अब एक राहत भरी खबर आई है। उत्तराखंड SDRF के कमांडेंट नवनीत भुल्लर खुद 14 हजार फुट की ऊंचाई पर ऋषिगंगा में बनी झील पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि झील से काफी मात्रा में पानी डिस्चार्ज हो रहा है, इसलिए खतरे की कोई बात नही है।
आपको बता दें कि चमोली जिले में आपदा लाने वाली ऋषिगंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में झील बनने से लोगों में डर का माहौल बन गया है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में इसकी पुष्टि भी हुई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने झील को लेकर लोगों को न घबराने और सावधान रहने को कहा था।
सीएम ने कहा था कि यह झील 400 मीटर लंबी है लेकिन इसकी गहराई के बारे में अभी अनुमान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक झील की जो स्थिति है उसके बारे में सावधान रहने की जरूरत है। घबराने की जरूरत नहीं है।’ उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को ऋषिगंगा नदी के 6 किलोमीटर ऊपर यह झील मिली है। अब एसडीआरएफ के जवानों के मौके पर पहुंचने के बाद काफी हद तक टेंशन कम हो गई है।
लापता 204 लोगों में से 38 के शव बरामद कर लिए गए हैं और 2 लोग जीवित पाए गए हैं।
– स्वाति एस. भदौरिया, चमोली DM, उत्तराखंड
एसडीआरएफ के कमांडेंट ने लोगों को आश्वस्त किया है कि झील में आया पानी निकल रहा है, ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है। झील का निर्माण संभवत: हाल में हुए हिमस्खलन के कारण हुआ होगा। अब एसडीआरएफ आगे के पहलुओं पर काम कर रही है जिससे किसी तरह की आशंका खत्म की जा सके।
उधर, आपदा के बाद बह गए पुल का फिर से निर्माण किया जा रहा है। BRO के निदेशक ने बताया, ‘यहां 90 मीटर का एक पुल था जो बह गया है। हमने पहले उसका मलबा साफ किया। युद्धस्तर पर काम चल रहा है। हम बहुत जल्दी इस पुल को तैयार कर देंगे। BRO दिन रात काम कर रहा है।’
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चर्चा की मेज पर विपक्ष, यूं ही कोई त्रिवेंद्र नहीं हो जाता - Hill-Mail | हिल-मेल
February 13, 2021, 10:22 pm[…] ऋषिगंगा नदी के ऊपर बनी झील, SDRF कमांडेंट … […]
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