चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार चाहती है कि जहां पर भी सड़कों की मरम्मत या उनको सही करने का काम होना वह समय से पूर्ण हो जाए जिससे कि यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। इसी बात को ध्यान रखते हुए आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की।
तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सडकों के निर्माण एवं पुनर्निर्माण से सबंधित कार्य निर्धारित समयावधि के अन्दर पूर्ण किये जाएं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर सबंधित के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी। अगले वित्तीय वर्ष के कार्यों की भी जल्द तैयारी कर ली जाए। 30 अप्रैल तक सभी टेंडर आमंत्रित कर लिए जाए तथा कार्यों की प्रगति की समय-समय पर विभागीय समीक्षा की जाए।
10 करोड़ से अधिक के कार्यों का निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जांच मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाए। विधायकगणों द्वारा जो भी प्रस्ताव दिये गये हैं, उन पर त्वरित कार्यवाही की जाए, ताकि कार्य समय पर शुरू हो सकें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए, मार्गों के निर्माण कार्य यात्रा शुरू होने से पूर्व पूर्ण कर लिये जाए। कार्यों में पारदर्शिता के साथ और तेजी लाई जाए और विभागों द्वारा बैठक के उपरान्त मीटिंग मिनट्स प्रस्तुत किये जाए।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में चल रहे चारधाम परियोजना, भारतमाला परियोजना, लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जा रहे राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित कार्यों, सी.आर.एफ एवं नाबार्ड योजना के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, बी.आर.ओ, एनएचएआई एवं पीआईयू के द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना से आईएसबीटी तक के सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। पौड़ी, भवाली एवं जसपुर के बाईपास का कार्य भी जल्द किया जाए। देहरादून एवं हल्द्वानी रिंग रोड से संबधित कार्यों की कार्यवाही में भी तेजी लाई जाए। मसूरी में बनने वाले मल्टी लेवल पार्किंग का कार्य भी जल्द पूर्ण किया जाए। भारतमाला परियोजना के तहत कर्णप्रयाग-सिमली-ग्वालदम मोटर मार्ग एवं जोशीमठ-मलारी मार्ग के डीपीआर की कार्यवाही जल्द की जाए। यात्रा सीजन के दृष्टिगत संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था रखी जाए।
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