देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर रोज 3 लाख से ज्यादा नए मरीज बढ़ रहे हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौैत हुई है। ऐसे में हालात को काबू में करने के लिए केंद्र ने बड़ा फैसला लिया है।
देशभर में ऑक्सीजन के भारी संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए हर जिले में ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला हुआ है, जिससे देशवासी लाभान्वित होंगे।
Oxygen plants in every district to ensure adequate oxygen availability…
An important decision that will boost oxygen availability to hospitals and help people across the nation. https://t.co/GnbtjyZzWT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2021
जी हां, अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के निर्देश के तहत, पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीएम ने निर्देश दिया है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी।
ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालयों पर चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।
पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा रहे। इस तरह अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के लिए ‘टॉप अप’ के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों और अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए पर्याप्त निर्बाध रूप से ऑक्सीजन मिल सके।
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