पढ़ाई में बीटेक किया पर लिखने के अपने शौक को नहीं छोड़ा। लॉकडाउन में भी वह सफेद पन्नों पर आसपास की घटनाओं को बुनते रहे। जी हां, पिथौरागढ़ उत्तराखंड के रहने वाले शौर्य के बाल साहित्य को प्रतिष्ठित सम्मान देने की घोषणा हुई है।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में ही कैद हो गए थे, पर लेखक की कलम नहीं रुकी। अब लॉकडाउन के दौरान की एक रचना की खूब तारीफ हो रही है। युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य को उनकी बाल कहानी संग्रह ‘कोरोना वॉरियर्स’ के लिए 2021 का बाल साहित्य श्री सम्मान दिया जाएगा।
पंडित हर प्रसाद पाठक स्मृति बाल साहित्यकार समिति मथुरा ने इस सम्मान की घोषणा की है। अभी कोरोना के चलते कार्यक्रम कुछ महीने बाद होगा, जिसमें शौर्य को यह सम्मान दिया जाएगा।
बीटेक हैं ललित, कई सालों से लिख रहे बच्चों की कहानियां
ललित कई सालों से बच्चों की कहानियां लिख रहे हैं। कोरोना काल में जो उन्होंने बाल कहानी संग्रह तैयार किया है, उसमें 10 कहानियां हैं। वह चंपक, नंदन, बाल भारती, देवपुत्र, बच्चों का देश, स्नेह आदि राष्ट्रीय बाल पत्रिकाओं में लगातार लिख रहे हैं। पिथौरागढ़ के रहने वाले ललित ने लखनऊ से बीटेक किया है।
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कई भाषाओं में हो चुका है अनुवाद
इतना ही नहीं, उनकी कहानियां हिंदी के साथ-साथ अनुवाद कर कई अन्य भाषाओं में पढ़ी जा रही है। अब तक उनकी डेढ़ दर्जन कहानियों का अंग्रेजी, कन्नड़, गुजराती, मराठी, तेलुगु में अनुवाद हो चुका है।
चर्चित किताबें
ललित की बाल साहित्य की किताबें हैं- दादाजी की चौपाल, कोरोना वॉरियर्स, फॉरेस्ट वॉरियर्स, द मैजिकल ग्लब्ज, स्वच्छता के सिपाही। ललित का कहना है कि वह बच्चों के हाथों में नहीं बाल साहित्य देखना चाहते हैं। ऐसे में वह निशुल्क करीब 5 हजार बच्चों तक यह साहित्य पहुंचा चुके हैं।
सम्मान
ललित शौर्य इससे पहले हिंदी भूषण, पर्यावरण मार्तंड सम्मान, ध्रुव सम्मान, सारस्वत सम्मान, साहित्य श्री सम्मान, साहित्य सृजन सम्मान समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।
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