उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने साफ कर दिया है कि देवस्थानम् बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा। इस पर बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने नाराजगी जताई है। सरकार ने बोर्ड के सदस्यों का ऐलान भी कर दिया है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के संबंध में पुनर्विचार की मांग की जा रही है। इस बीच सरकार ने चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड में पुजारियों और वंशानुगत पुजारियों के प्रतिनिधित्व के लिए बोर्ड सदस्यों को नामित कर अधिसूचना जारी कर दी है। संस्कृति, धर्मस्व/तीर्थाटन प्रबंधन तथा धार्मिक मेला अनुभाग के सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जारी अधिसूचना में पांचों सदस्यों के नामों की जानकारी दी गई है।
इसके मुताबिक उत्तराखंडच चार धाम देवस्थानम बोर्ड में पुजारियों/वंशानुगत पुजारियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बद्री-केदार, यमुनोत्री-गंगोत्री एवं अनुसूची में वर्णित धार्मिक देवस्थानों में किसी अधिकार को धारण करने वाले व्यक्तियों की श्रेणी में निम्न सदस्यों को नामित किया जाता है-
1. श्री आशुतोष डिमरी पुत्र श्री उमा प्रसाद डिमरी, देहरादून
2. श्री श्रीनिवास पोश्ती पुत्र स्व. श्री गोपाल राम सेमवाल, उत्तरकाशी
3. श्री कृपा राम सेमवाल पुत्र श्री गोपाल राम सेमवाल, उत्तरकाशी
4. श्री जयप्रकाश उनियाल पुत्र स्व. श्री किशनदत्त उनियाल, उत्तरकाशी
5. श्री गोविंद सिंह पंवार पुत्र स्व. श्री उमराव सिंह पंवार, चमोली
सरकार ने बोर्ड में कुल आठ सदस्य नामित किए हैं। इनमें तीन उद्योगपति और पांच तीर्थ पुरोहित शामिल हैं।
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