दो महीने पहले अचानक उत्तराखंड में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदल दिया। उस समय तीरथ सिंह रावत सांसद थे और उन्हें पहाड़ी प्रदेश की कमान सौंपी गई है। हाल में वह दिल्ली आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिले। अब उनके विधानसभा सदस्य बनने के लिए चुनाव लड़ने की सरगर्मी तेज हो गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट तलाशी जा रही है। बताया जा रहा है कि खाली चल रही गंगोत्री सीट पर उनकी नजर है। भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में इस पर मंथन हुआ है। कुल सात सीटें सामने हैं जिसमें से किसी एक पर सीएम चुनाव लड़ सकते हैं।
हालांकि गंगोत्री पर लगभग ऐलान होना ही बाकी है। एक तरफ बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है तो दूसरी तरफ सीएम को छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य भी बनना है। गढ़वाल सांसद के तौर पर तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई हाल की बैठकों में भी उनके लिए गंगोत्री के अलावा विधानसभा की चौबट्टाखाल, धर्मपुर, यमकेश्वर, बदरीनाथ, लैंसडौन, कोटद्वार और भीमताल सीटों पर मंथन हुआ है।
गंगोत्री सीट को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई है। केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री के लिए सीट का फैसला किया जाएगा। उधर, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 19 जून को वर्चुअल माध्यम से होने वाली है। चिंतन शिविर इस माह के आखिर या जुलाई के पहले सप्ताह में होगा।
दिलचस्प बात यह है कि उपचुनावों में कांग्रेस या अन्य दलों की रुचि भी नहीं बची है। एक साल से भी कम समय बचा है विधानसभा चुनाव में, ऐसे में कोई भी दो-दो बार चुनाव खर्च से बचना चाहता है। अब पार्टियां सीधे विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही है। इस तरह से सीएम किसी भी सीट से लड़े उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है।
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