सरकार ने दिखाई मसूरी को वो तस्वीर, जो कोरोना की तीसरी लहर के लिए है खतरे की घंटी!

सरकार ने दिखाई मसूरी को वो तस्वीर, जो कोरोना की तीसरी लहर के लिए है खतरे की घंटी!

कोरोना काल में पहले ही साफ हो चुका है कि मास्क और सामाजिक दूरी अपनाना अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है और यह अगले कुछ साल तक ऐसे ही बना रहने की पूरी संभावना है। सभी देशवासियों के वैक्सीनेशन के बाद हालात सुधर सकते हैं लेकिन लोग अब ही कोरोना को जैसे भूल गए हैं!

कोरोना की दूसरी लहर थमी नहीं और लोग बेफिक्री के मूड में आ गए हैं। न मास्क, न सामाजिक दूरी… ऐसा लग रहा है कि वो समय कोई और था। जी नहीं, अगर आप भी ऐसी गलती कर रहे हैं तो संभल जाइए। कोरोना अभी गया नहीं है। सरकार ने भी साफ कह दिया है कि अभी कोरोना की दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है। विशेषज्ञ पहले से ही तीसरी लहर आने को लेकर आगाह कर चुके हैं। आइए समझते हैं कि सरकार को आखिर यह क्यों कहना पड़ा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो प्रतिबंध वापस लगा दिए जाएंगे।

ये तस्वीरें डरा रही हैं!

6 जुलाई शाम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इस दौरान सरकार के अधिकारियों का पूरा जोर उन तस्वीरों पर था, जो कोरोना फैलाने के लिहाज से खतरे की घंटी है। इसमें उत्तराखंड भी शामिल है।

दरअसल, सरकार की ओर से कुछ तस्वीरें मीडिया के जरिए देशवासियों को दिखाकर यह बताने की कोशिश की गई है कि यह ठीक नहीं है। जैसे ही राज्यों में प्रतिबंधों से ढील मिली, लोग हिल स्टेशन और घूमने-फिरने वाली जगहों पर बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के टॉप अधिकारियों ने जो 6 तस्वीरें सिलेक्ट कर दिखाईं उसमें एक मसूरी की भी है। यह तस्वीरें और शहर और भी कई हो सकते हैं।

दरअसल, नैनीताल- मसूरी में इन दिनों फुल पैक वाली स्थिति है। यह भीड़ पर्यटन के लिहाज से हो सकता है कुछ लोगों के लिए राहत दे रही हो, पर कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे ये लोग वास्तव में कोरोना की अगली लहर को दावत दे रहे हैं।

उत्तराखंड में छूट मिली पर…

केंद्र के निर्देश के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग भी सख्ती बरत सकता है पर सबसे जरूरी यह है कि हर व्यक्ति यह समझे कि उसे कोरोना फैलाने का जरिया नहीं बनना है। उत्तराखंड में बीते एक हफ्ते में कोरोना कर्फ्यू से काफी रियायत दे दी गई है। बाजार खुल गए हैं और दिल्ली, यूपी समेत दूसरे राज्यों में चिलचिलाती गर्मी से दूर पर्यटक सुकून के पल बिताने यहां आ रहे हैं। पर्यटकों का आना अच्छी बात है इससे आय होती है लेकिन कोरोना को नजरअंदाज करना सबके लिए घातक हो सकता है।

प्रदेश में मसूरी, नैनीताल, काणाताल, टिहरी झील और दर्जनों स्थान लोगों की पसंदीदा घूमने वाली जगहें हैं। वीकेंड पर मसूरी और नैनीताल में भारी भीड़ रही। कई पर्यटक होटल, गेस्ट हाउस फुल होने से मायूस होकर लौट भी गए। यह भीड़ देख अब स्थानीय लोगों को भी डर सताने लगा है कि कहीं कोरोना फिर से न बढ़ने लगे।

पढ़िए केंद्र सरकार ने क्या कहा
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हिल स्टेशनों पर जा रहे लोग कोविड-प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। अगर दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया तो पाबंदियों पर मिली छूट खत्म की जा सकती है। सरकार ने साफ कहा है कि इस तरह का रवैया पहले मिली सफलता को बर्बाद कर देगा।

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