गढ़वाल विवि के पूर्व VC जेएल कौल समेत कई अधिकारियों के देहरादून, श्रीनगर समेत 14 ठिकानों पर सीबीआई के छापे

गढ़वाल विवि के पूर्व VC जेएल कौल समेत कई अधिकारियों के देहरादून, श्रीनगर समेत 14 ठिकानों पर सीबीआई के छापे

पूर्व कुलपति कौल पर विभिन्न निजी कॉलेजों/संस्थानों को नियम विरुद्ध संबद्धता प्रदान करने के गंभीर आरोप हैं। बताया जाता है कि जेएल कौल ने अपने ओएसडी और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के अन्य अज्ञात अधिकारियों के साथ, कॉलेजों की मौजूदा संबद्धता को जारी रखने और या विस्तार के लिए दिशानिर्देशों और विनियमों के उल्लंघन में विभिन्न निजी संस्थानों/कॉलेजों को संबद्धता के विस्तार को प्रोत्साहित किया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNBGU) के पूर्व कुलपति जे एल कौल, उनके ओएसडी (OSD) रहे डीएस नेगी और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के छह मामलों के संबंध में 14 स्थानों पर छापेमारी की। इन सभी आरोपियों के देहरादून (Dehradun), श्रीनगर (Srinagar) तथा उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) स्थित कार्यालयों एवं आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई। कुछ मीडिया रिपोर्टों में सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी के हवाले से बताया गया है कि ‘अलग-अलग बैंकों में तीन लॉकर भी संचालित किए जा रहे थे। मामले से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।’ देहरादून में 12 और श्रीनगर तथा नोएडा में एक-एक जगह सीबीआई की टीम ने तलाशी ली है।

पूर्व कुलपति पर विभिन्न निजी कॉलेजों/संस्थानों को नियम विरुद्ध संबद्धता प्रदान करने के गंभीर आरोप हैं। बताया जाता है कि जेएल कौल ने अपने ओएसडी और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के अन्य अज्ञात अधिकारियों के साथ, कॉलेजों की मौजूदा संबद्धता को जारी रखने और या विस्तार के लिए दिशानिर्देशों और विनियमों के उल्लंघन में विभिन्न निजी संस्थानों/कॉलेजों को संबद्धता के विस्तार को प्रोत्साहित किया।

3 दिसंबर 2014 को गढ़वाल विवि के कुलपति बनने के बाद प्रो. जेएल कौल के कार्यकाल में निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता और सीटों की वृद्धि की शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) से की गई थी। इस पर मंत्रालय ने शिकायतों की प्राथमिक जांच के लिए समिति (Fact Finding Committee) का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने राष्ट्रपति से प्रो. कौल को हटाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, इससे पहले ही प्रो. कौल ने इस्तीफा भेज दिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद 29 दिसंबर 2017 को प्रो. कौल को पदमुक्त कर दिया गया। बाद में यह मामला सीबीआई को दे दिया गया। कार्य परिषद की मई 2020 में आयोजित बैठक में केस दर्ज करने की अनुमति दे दी गई।

इन संस्थानों के साथ किया गया गड़बड़झाला

अल्पाइन इंस्टीट्यूट, बाबा फरीद इंस्टीट्यूट, उत्तरांचल कॉलेज, दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, दून वैली कॉलेज ऑफ एजुकेशन को गलत तरीके से मदद की गई। सीबीआई के अनुसार इन संस्थानों के छह आफिस और इनके मालिकों के घरों एवं बैंक में कुल 12 जगह सीबीआई की टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए हैं। इसके अलावा एक जगह श्रीनगर और नोएडा में जेएल कौल के घर छापा मारा गया है।

बताया जाता है कि मान्यता देने में उस वक्त यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार किया था। इसमें विभिन्न कोर्सों के लिए संस्थानों में क्या-क्या सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए इसका एक नियम तय किया था।

 

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this