127 प्रादेशिक सेना 1982 से ही उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और मिट्टी के संरक्षण का काम कर रही है। इस बटालियन ने मसूरी की पहाड़ियों, बद्रीनाथ धाम तथा नमामि गंगे परियोजनाओं के अंतर्गत उत्तराखंड के कई हिस्सों में वृक्षारोपण का काम किया है। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को मिलता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने 127 ईको बटालियन, गढ़ी कैंट में अपर महानिदेशक (ADG) प्रादेशिक सेना (Territorial Army) मेजर जनरल गुलाब सिंह रावत द्वारा प्रदान की गई कोविड राहत सामग्री (Covid relief Material) का फ्लैग ऑफ (Flag Off) किया। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लिए इस कोविड राहत सामग्री का प्रबंध 127 बटालियन प्रादेशिक सेना गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) द्वारा विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से की गई।
कोविड राहत सामग्री के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क, सैनिटाइजर, एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। यह राहत सामग्री पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal) के त्रिपालीसैंण के लिए रवाना की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 127 बटालियन प्रादेशिक सेना गढ़वाल राइफल्स का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सेना का अदम्य साहस एवं वीरता का इतिहास रहा है। अपने सैनिकों की वजह से ही हम चैन की नींद सोते हैं। कोविड के समय में भी सेना ने अनेक प्रकार से सेवाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि कोई भी आपदा हो इसके बाद राहत पहुंचाने में सेना का हमेशा योगदान रहता है। निश्चित रूप से ऐसे जरूरतमंद लोग जिन्हें इस सामान और सहायता राशि की आवश्यकता है, उनके लिए यह एक अहम योगदान है। इसके लिए मैं सभी अधिकारियों और जवानों का आभार व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद भी एक सैन्यकर्मी के बेटे हैं, इसलिए वह सेना में काम करने वालों और उनके परिवार के संघर्षों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगना एवं वेटरन को अब प्रतिमाह पेंशन 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए पेंशन देने का फैसला किया है। एनडीए (NDA) एवं सीडीएस (CDS) परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
127 प्रादेशिक सेना 1982 से ही उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और मिट्टी के संरक्षण का काम कर रही है। इस बटालियन ने मसूरी की पहाड़ियों, बद्रीनाथ धाम तथा नमामि गंगे परियोजनाओं के अंतर्गत उत्तराखंड के कई हिस्सों में वृक्षारोपण का काम किया है। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को मिलता है।
इस अवसर पर जीओसी सब एरिया मेजर जनरल संदीप खत्री, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार एवं सैन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस राहत सामग्री के लिए कैलाश खेर फाउंडेशन (Kailash Kher Foundation), ट्रेक्नोमैड्स फाउंडेशन (TrekNomads), ZERODHA, लैसंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ग्रासरूट्स बीपीओ प्राइवेट लिमिटेड और रेड फाउंडेशन ने योगदान दिया।
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