नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर धामी सरकार द्वारा दायर शपथपत्र पर सुनवाई करते हुए अपने 28 जून के निर्णय में यात्रा पर लगाई रोक को हटा ली। कोर्ट ने सरकार को कोविड के नियमों का पालन करते हुए प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।
चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद उत्तराखंड सरकार ने यात्रा की तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा के सुरक्षित, व्यवस्थित और कुशल संचालन के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक बैठक ली। चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पौड़ी के जिलाधिकारियों को भी विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर किए ट्वीट में कहा, देवभूमि उत्तराखंड में 18 सितंबर से शुरू होने वाली चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा में आप सभी भक्तों एवं श्रद्धालुओं का उत्तराखंड सरकार स्वागत करती है।
देवभूमि उत्तराखण्ड में 18 सितम्बर से प्रारम्भ होने वाली चारधाम एवं हेमकुण्ड साहिब जी की यात्रा में आप सभी भक्तों एवं श्रद्धालुओं का उत्तराखण्ड सरकार स्वागत करती है।
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) September 16, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, जन भावनाओं के अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चार धाम यात्रा पुनः प्रारंभ करने के निर्णय पर राज्य सरकार सहृदय आभार व्यक्त करती है। इस निर्णय से न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान हुआ है बल्कि प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जय उत्तराखण्ड !
इससे पहले, मुख्य सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को चारधाम यात्रा रूट पर सड़क सुरक्षा, साफ-सफाई, क्राउड मैनेजमेंट, यातायात व्यवस्था, टैस्टिंग तथा कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करवाते हुए विभिन्न व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा रूट के संवेदनशील क्षेत्रों में जहां पर भी सड़क सुधारीकरण के कार्य किए जाने हैं, उनको लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधीकरण और सड़क सीमा संगठन से युद्धस्तर पर तत्काल पूरा करें। साथ ही जिन पैदल मार्ग से लोग यात्रा करते हैं उनमें भी मार्ग साफ-सुथरा और सुरक्षित बना रहे तथा उनमें भी पेयजल, शौचालय इत्यादि की समुचित व्यवस्था हो।
उन्होंने यात्रा रूट पर श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त शौचालय और उसमें पानी, साफ-सफाई का एक बार अवलोकन करते हुए जरूरी सुधार करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को चारधामों में आने वाले श्रद्धालुओं की टेस्टिंग करवाने, कोविड-19 की एसओपी का अनुपालन, अच्छे श्रद्धालु के व्यवहार, आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के संपर्क, सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि से संबंधित सूचनाओं को एनाउंसमेंट के माध्यम से प्रसारित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने यात्रा रूट पर आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की तैनाती करने, आपात स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने, वाहनों की फिटनेस, लोगों के पंजीकरण, ऑनलाइन ही लोगों को व्हाट्सएप और मैसेज के माध्यम से जरूरी सूचना प्रेषित करने, खानपान की रेट लिस्ट, लोगों को महत्वपूर्ण सूचना प्रदान करने हेतु मुख्य-मुख्य स्थलों, चौराहों, स्टे स्थलों, दुकानों में बोर्ड पर प्रदर्शित करने के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न रूट पर आवश्यकतानुसार चिकित्सकों-एम्बुलेंस की व्यवस्था करने, पुलिस विभाग को रूट पर सुरक्षा, यातायात और क्राउड मैनेजमेंट, विद्युत विभाग को चारधाम में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने, जल संस्थान और पेयजल निगम को रूट पर पेयजल की व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए।
इससे पहले, नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर धामी सरकार द्वारा दायर शपथपत्र पर सुनवाई करते हुए अपने 28 जून के निर्णय में यात्रा पर लगाई रोक को हटा ली। कोर्ट ने सरकार को कोविड के नियमों का पालन करते हुए प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट के यात्रा शुरू करने के आदेश से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। साथ ही हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौटने की उम्मीद है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार को ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने सरकार की एसओपी के हिसाब से बदरीनाथ में रोजाना आने वाले यात्रियों की संख्या 1200 को घटाकर 1000 कर दिया। केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 व यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को ही एक दिन यात्रा की अनुमति दी गई है। हेलीकॉप्टर से यात्रा तथा यात्रा मार्ग पर सेवा कार्य करने वाले एनजीओ जिलाधिकारी की अनुमति के बाद ही काम कर सकेंगे। यात्रा के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की डोज का सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
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