पीएम मोदी ने देवभूमि के लिए पढ़ी कविता… ‘है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं’, आप भी सुनिये

पीएम मोदी ने देवभूमि के लिए पढ़ी कविता… ‘है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं’, आप भी सुनिये

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के अंत में कहा कि आज जब मैं इस देवभूमि में आया हूं, वीर माताओं की भूमि में आया हूं तो कुछ भावगुच्छ, भावपुष्प, कुछ श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं कुछ पक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं।

देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जुड़ाव जगजाहिर है। उन्होंने देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित रैली में अपने भाषण की समाप्ति देवभूमि के प्रति अपने लगाव को कविता के जरिये जाहिर करके की। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैं इस देवभूमि में आया हूं, वीर माताओं की भूमि में आया हूं तो कुछ भावगुच्छ, भावपुष्प, कुछ श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं कुछ पक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं।

पीएम मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड के लिए जो कविता पढ़ी वह इस प्रकार है, 

जहां पवन बहे संकल्प लिए,

जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं,

जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते

बस भक्ति के सुर में गाते हैं

उस देवभूमि के ध्यान से ही

उस देव भूमि के ध्यान से ही

मैं सदा धन्य हो जाता हूं

जहाँ अंजुली में गंगा जल हो

जहाँ हर एक मन बस निश्छल हो

जहाँ गाँव गाँव में देश भक्त

जहाँ नारी में सच्चा बल हो

उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए

मैं चलता जाता हूं

उस देवभूमि का आशीर्वाद

मैं चलता जाता हूं

है भाग्य मेरा

सौभाग्य मेरा

मैं तुमको शीश नवाता हूं

मंडवे की रोटी

हुड़के की थाप

हर एक मन करता

शिवजी का जाप

ऋषि मुनियों की है

ये तपो भूमि

कितने वीरों की

ये जन्म भूमि

मैं तुमको शीश नवाता हूं

और धन्य धन्य हो जाता हूं।

इससे पहले, पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भी पहाड़ी बोली से करते हुए लोगों का अभिवादन किया और उनकी कुशलक्षेम पूछी।

 

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