चुनाव आयोग ने कोविड के मौजूदा हालात के चलते रोड शो, पदयात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों पर प्रतिबंध को 11 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है। इसके लिए 12 फरवरी को प्रचार अभियान थम जाएगा। लिहाजा अब किसी बड़ी रैली की रणनीति बनना मुश्किल है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव इस बार मेगा रैलियों के बिना ही होंगे। चुनाव आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनजर कोविड के मौजूदा हालात को देखते हुए रोड शो, पदयात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों पर प्रतिबंध को 11 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है। इसके लिए 12 फरवरी को प्रचार अभियान थम जाएगा। लिहाजा अब किसी बड़ी रैली की रणनीति बनना मुश्किल है।
हालांकि, हालांकि चुनाव आयोग ने 1 फरवरी से सभी चरणों के लिए अधिकतम 1,000 व्यक्तियों (मौजूदा 500 के बजाय) या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा या निर्धारित सीमा के 50 प्रतिशत के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों में पार्टियों या उम्मीदवारों की भौतिक सार्वजनिक बैठकों की अनुमति देने का फैसला किया है। अधिकारियों ने कहा कि आयोग ने पोल पैनल ने डोर टू डोर चुनाव प्रचार की सीमा भी बढ़ा दी है, जिसमें अब तक सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर 20 लोगों को अनुमति दी गई है, जबकि अब तक 10 लोगों को अनुमति थी। दूसरे निर्देश पहले की तरह बने रहेंगे।
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आयोग ने अब पार्टियों के लिए इस हद तक छूट दी है कि इनडोर बैठकों में अब अधिकतम 500 व्यक्ति (मौजूदा 300 के बजाय) या हॉल क्षमता का 50 प्रतिशत या एसडीएमए द्वारा निर्धारित निर्धारित सीमा हो सकती है, जबकि पार्टियां / उम्मीदवार चुनाव से संबंधित गतिविधियों के दौरान सभी अवसरों पर कोविड के उचित व्यवहार और दिशा-निदेर्शों और आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि सभी शेष प्रतिबंध, जैसा कि 8 जनवरी को जारी चुनाव के संचालन के लिए संशोधित व्यापक दिशानिर्देश, 2022 में निहित है, पहले की तरह जारी रहेगा।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ सोमवार को विशेष रूप से मतदान वाले राज्यों में कोविड -19 की वर्तमान स्थिति की एक और व्यापक समीक्षा की। आयोग, महासचिव और उप चुनाव आयुक्तों के साथ, वर्तमान स्थिति और महामारी की अनुमानित प्रवृत्ति का आकलन करने के लिए, वर्चुअल मोड के माध्यम से, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिवों और पांच चुनावी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की। अधिकारियों ने कहा, संबंधित राज्यों में पात्र व्यक्तियों के लिए पहली और दूसरी खुराक की वर्तमान टीकाकरण स्थिति के साथ-साथ मतदान कर्मियों की व्यवस्था के संबंध में भी गहन चर्चा हुई। सभी मुख्य सचिवों ने आयोग को अपने-अपने राज्यों में कोविड-19 की स्थिति से अवगत कराया और बताया कि कैसे अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में कमी आने के साथ ही सकारात्मकता दर में गिरावट दिख रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल सावधानियों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि राजनीतिक गतिविधियों के कारण तीव्र सार्वजनिक संपर्क के कारण कोरोना मामले नहीं बढ़ सकें।
दरअसल, उत्तराखंड के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को लेकर बड़ी रणनीति बना रखी थी। भाजपा ने 30 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं। अब जब मेगा रैलियों की इजाजत नहीं है, तो सभी दलों को रणनीति को बदलना होगा। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने डिजिटल अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। दोनों ने डिजिटल रथ के जरिये लोगों से संपर्क साधने की तैयारी कर रखी है। बड़ी संख्या में दोनों दलों के डिजिटल रथ लोगों तक पहुंच रहे हैं।
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